दुधवा के जंगल में फिर दिखा रेड कोरल कुकरी सांप, सड़क पार कराने के लिए 40 मिनट रोका आवागमन
अचानक विलुप्त हुआ यह दुर्लभ प्रजाति का सांप इन दिनों दुधवा से गौरीफंटा जाने वाली रोड पर रोड क्रास करते हुए अक्सर दिखाई दे रहा है।
लखीमपुर, जेएनएन। दुधवा टाइगर रिजर्व में एक बार फिर से दुर्लभ प्रजाति का रेड कोरल सांप दिखाई दिया है। इस सांप को पार्क के वार्डेन एसके अमरेश ने देखा। दुधवा गौरीफंटा मार्ग पर सड़क पार करते समय दिखाई दिए इस सांप के लिए सुरक्षित गैलरी बनाकर इसे सड़क पार करने दिया गया। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ यातायात को रोक दिया गया। जब यह दुर्लभ सांप सड़क पार कर घने जंगल में चला गया जहां पर उसे कोई पकड़ न सके तब यातायात को चालू किया गया। इस दौरान करीब 40 मिनट तक आवागमन बंद रहा।
पार्क वार्डेन एसके अमरेश ने बताया कि वह एक दिन पहले दुधवा से अपनी गाड़ी से गौरीफंटा जा रहे थे। जब वह दुधवा से करीब चार किलोमीटर आगे पहुंचे तो देखा कि दुर्लभ प्रजाति का रेड कोरल सांप सड़क पार कर रहा है।
उसे देखते ही वार्डेन ने गाड़ी रोक दी और और अपने साथ चल रहे वनकर्मियों को सड़क के दोनों तरफ रास्ता रोक कर खड़े होने के निर्देश दिए। इस तरह से सेफ गैलरी बनाकर रेड कोरल सांप को सड़क पार करने दिया गया। उन्होंने बताया कि यह दुर्लभ सांप दो साल पहले दुधवा में रेलवे लाइन के बीच में देखा गया था लेकिन, उससे पहले यह सांप 1936 में दुधवा में दिखा था। उसके बाद से यह कभी देखा नहीं गया था।
दो साल पहले जब इसे वर्षों बाद देखा गया था तो इसकी पहचान करने वाले कर्मियों को पुरस्कृत भी किया गया था। सालों पहले ये सांप दुधवा में अच्छी संख्या में पाया जाता था, लेकिन बाद में अचानक यह सांप विलुप्त हो गए। विशेषज्ञों के अनुसार, लाल कोरल कुकरी सांप जहरीले नहीं होते हैं, वे मनुष्य को कांटते नहीं है। यह सिर्फ कीड़े और वॉर्म्स खाते हैं। इसका नाम इसके लाल नारंगी रंग और इसके दांतों से मिलता है, जो अंडे तोड़ने के लिए नेपाली खुखरी के आकार का होता है।
क्या कहते हैं दुधवा के वार्डन
दुधवा के वार्डन एसके अमरेश ने बताया कि सोनारीपुर के अलावा दुधवा गौरीफंटा रोड पर रोड क्रास करते समय उन्हें इस सांप के दीदार हुए। दुधवा में एक बार फिर इस दुर्लभ प्रजाति के सांप की अच्छी संख्या होती नजर आ रही है। खीरी जिले में इससे पहले यह सांप 1936 में देखा गया था। लेकिन बाद में दुधवा या फिर आस पास के जंगलों में इस प्रजाति का सांप देखने को नहीं मिला। हालांकि कुछ दिनों पहले पहले पड़ोस के जिले बहराइच स्थिति कर्तनियाघाट में जरूर उसके देखे जाने की बात कही गई थी।