CoronaVirus Lockdown-2: बोझ उठाने वाले दब गए आर्थिक संकट के भार से, तंगी से घिरा परिवार
CoronaVirus Lockdown-2 22 मार्च से बिना काम के बैठे हैं लखनऊ के करीब 350 कुली। श्रमिकों की तरह नहीं मिल रही सरकारी सहायता परिवार आर्थिक तंगी से घिरा।
लखनऊ, जेएनएन। CoronaVirus Lockdown-2: चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सामान का वजन उठाने वाले कुली अब आर्थिक संकट के बोझ से दबने लगे हैं। एक महीने हो गए। चारबाग स्टेशन के कुलियों के आगे ट्रेनें बंद होने के कारण उनको मिलने वाला मेहनताना नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लखनऊ के 350 कुलियों सहित देश भर के करीब 20 हजार कुलियों का परिवार परेशानी में आ गया है। रेलवे बोर्ड के पास ऐसे हालात में कुलियों को आर्थिक मदद करने का कोई नियम ही नहीं है। जबकि केंद्र व राज्य सरकारों ने श्रमिकों को आर्थिक सहायता करने की व्यवस्था की है। अब तक इन कुलियों को भी ऐसी सहायता मिलने का इंतजार है।
दरअसल देश भर में 22 मार्च को जनता कफ्र्यू और उसके बाद लॉक डाउन शुरू हो गया है। लखनऊ के चारबाग स्टेशन से गुजरने वाली करीब 300 ट्रेनों के यात्रियों के सामान का बोझा उठाने के लिए यहां 247 कुली पंजीकृत हैं। इसके अलावा लखनऊ जंक्शन से गुजरने वाली 44 ट्रेनों के लिए 60 और ऐशबाग स्टेशन पर भी कुली यात्रियों का सामान उठाते हैं। टे्रनें बंद होने के बाद कुलियों को होने वाली आमदनी भी बंद हो गई है। घर में परिवार का खर्चा रोजाना मिलने वाली आमदनी से ही चलता है। करीब 15 दिन पहले रेलवे के वाणिज्य अनुभाग के कर्मचारियों ने अपनी ओर से 36 हजार रुपये एकत्र किए और उनको प्रति कुली में वितरित किया था। इसके बाद नगर निगम ने इन कुलियों को जिला प्रशासन से आर्थिक मदद दिलाने के लिए रेलवे से सूची मांगी थी। रेलवे की ओर से सूची मुहैया भी करा दी गई है। वहीं आर्थिक मदद की उम्मीद में रोजाना दर्जनों कुली चारबाग स्टेशन आ रहे हैं।
क्या कहते हैं कुली संघ अध्यक्ष?
लखनऊ के कुली संघ अध्यक्ष सुरेश यादव बताते हैं कि राज्य व केंद्र सरकार श्रमिकों को सहायता दे रही है। हम भी श्रमिक ही हैं। काम बंद हो गया है तो परिवार के सामने आर्थिक संकट बढ़ गया है। अब तक सरकार से हम लोगों को कोई मदद नहीं मिली है।