बाल संरक्षण गृह में बच्चों को बताया जा रहा केवल यीशु ही जिंदा भगवान
योगी सरकार की नाक के नीचे सरकारी बाल संरक्षण गृह में बच्चों को धर्मांतरण का पाठ पढ़ाया जा रहा है। बच्चों को बताया जा रहा है कि जिंदा भगवान सिर्फ यीशु हैं।
जेएनएन, लखनऊ। योगी सरकार की नाक के नीचे सरकारी बाल संरक्षण गृह में बच्चों को धर्मांतरण का पाठ पढ़ाया जा रहा है। बच्चों को बताया जा रहा है कि एक मात्र जिंदा भगवान सिर्फ यीशु हैं। बाइबिल में जो लिखा है, सिर्फ वही सच है और इसी से तुम्हारा जीवन बदलेगा।
मामला यहां मोहान रोड स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) का है। इसका राजफाश तब हुआ जब मंगलवार को उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता और सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी, डॉ. प्रीति वर्मा और डॉ.नीता साहू ने वहां छापा मारा। छापे में उन्हें बाइबिल समेत बहुत सा ऐसा साहित्य मिला जो ईसाई धर्म के प्रचार से संबंधित था। छापे के बाद डॉ. गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि संप्रेक्षण गृह का संचालन 'खिदमत' नामक संस्था करती है। इसमें रहने वाले 144 बच्चों में सिर्फ एक ईसाई, चार-पांच मुस्लिम और बाकी ङ्क्षहदू हैं। बावजूद इसके हर बच्चे के कमरे में बाइबिल और अन्य मसीही साहित्य भरा मिला। डॉ.गुप्ता ने कहा कि 'यह विचारों में परिवर्तन का प्रयास है और अमूमन इसका नतीजा धर्मांतरण के रूप में ही होता है। '
बच्चों की होती है पिटाई
बच्चों से काम कराया जाता है। न करने पर उनको मारा-पीटा जाता है। कुछ बच्चों ने आयोग के सदस्यों को अपने जख्मों के निशान भी दिखाये। योगी सरकार के अन्य एजेंडों की भी संस्था को तनिक भी फिक्र नहीं है। मसलन सरकार चाहती है कि हर किसी की दक्षता बढ़े। संस्था में सिलाई सिखाने के लिए जो मशीनें रखीं हैं उनकी पैकिंग तक नहीं खुली है।
छापे में मिलीं और भी कमियां
छापे के दौरान और भी कई गड़बडिय़ां मिलीं। रोजमर्रा के सामानों की खरीद एमआरपी से भी अधिक दाम पर किये गए हैं। खाने में भी रोज के मैन्यू का पालन नहीं होता। फल, अचार, चटनी और पापड़ सिर्फ कहने को है। बेसिन से लेकर बाथरूम और किचन तक गंदगी का भरमार थी। किचन के स्टोर में मानकों की अनदेखी करते हुए बेगान स्प्रे, ब्लीचिंग पाउडर और फिनायल की गोलियां रखीं गई थीं। डॉ. गुप्ता ने बताया कि मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर दी गयी है।
बाइबिल मिलने की कराएंगे जांच : रीता
महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि संप्रेक्षण गृह में बाइबिल मिलने की जांच कराई जाएगी। वहां जो भी गड़बडिय़ां मिली हैं उसे तत्काल दुरुस्त किया जाएगा। हमारी मंशा बाल व संप्रेक्षण गृहों की स्थिति सुधारने की है। इसलिए हमने महिला आयोग व बाल आयोग को सरकारी व एनजीओ द्वारा संचालित गृहों का निरीक्षण करने के अधिकार दिए हैं। इसी के तहत यह निरीक्षण हो रहे हैं। हमारा मकसद छिपाना नहीं है बल्कि स्थितियों में सुधार करना है।
अधिक बच्चों के कारण अव्यवस्थाएं
महिला कल्याण विभाग के डिप्टी चीफ प्रोबेशन अधिकारी सर्वेश पाण्डेय ने कहा कि क्षमता से अधिक बच्चे होने के कारण कुछ अव्यवस्थाएं हैं। 100 की क्षमता वाले गृह में 144 बच्चे हैं। बाल संरक्षण आयोग को जो भी कमियां मिली हैं उन्हें तत्काल दूर किया जाएगा। जहां तक खिदमत नामक संस्था की बात है तो इसकी गतिविधियों की जांच की जाएगी। यह संस्था केवल बच्चों के वेलफेयर के लिए यहां काम करती है। संस्था का संचालन सरकार करती है।