बार-बार हो रही कॉल ड्रॉप, 40 फीसद उपभोक्ताओं ने दर्ज कराई ट्राई में शिकायत Lucknow News
लखनऊ में कॉल ड्रॉप से जूझ रहे हैं उपभोक्ता मुश्किल हुई मोबाइल फोन पर बात।
लखनऊ, जेएनएन। एक तरफ जहां टेलीकॉम कंपनियां उपभोक्ताओं के इंटरनेट पर डाका डाल रही हैं। वहीं कमजोर मोबाइल नेटवर्क से होने वाली कॉल ड्राप कंपनियों की झोली भर रही है। कई बार कॉल करने के बावजूद उपभोक्ता अपनी बात पूरी नहीं कर पा रहे हैं। करीब 40 प्रतिशत लोगों ने मोबाइल कंपनियों के कस्टमर केयर और ट्राई में अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
दरअसल, सस्ती कॉल सेवा उपलब्ध कराने का ऑफर देकर निजी टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले डेढ़ साल में बड़ी संख्या में नए उपभोक्ता जोड़े लेकिन, बीटीएस की क्षमता का विस्तार ही नहीं किया। लखनऊ के नौ हजार से अधिक बीटीएस पांच गुना तक ओवरलोड हो गए हैं। बीटीएस से 400 से 500 मीटर के बाद नेटवर्क गायब हो जाता है। वोडा-आइडिया के साथ एयरटेल और जियो के नंबरों पर कॉल करने पर वह कई बार मिलते ही नहीं हैं। यदि एक बार कॉल करने पर वह कनेक्ट हो भी जाए तब भी कट जाती है।
कॉल सेंटर पर भी चूना : निजी टेलीकॉम कंपनियों के उपभोक्ताओं को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए भी परेशान होना पड़ता है। कई बार प्रयास करने के बाद कस्टमर केयर पर यदि कॉल कनेक्ट भी हो गई तो इसका भुगतान करना पड़ता है।
- कस्टमर केयर से लेकर ट्राई तक पर दर्ज कराई शिकायत
- कॉल ड्राप ने भरी कंपनियों की झोली उपभोक्ताओं का निकला दीवाला
- पैसे प्रति मिनट कॉल रिसीव करने वाली कंपनी करना होता भुगतान
- लाख राजधानी के उपभोक्ता दो सिम रखने को मजबूर
कंपनियों के खेल में पिस रहे उपभोक्ता
दूसरे नेटवर्क पर मोबाइल कॉल के चार्ज अभी खत्म नहीं हुए हैं। एक-दूसरे के नेटवर्क पर कॉल करने के दौरान कंपनियों के छह पैसे प्रति मिनट का भुगतान करना होता है। बस, इसी खेल में उपभोक्ता पिस रहे हैं। जितनी ज्यादा कॉल ड्राप रिसीवर कंपनी को उतना ही फायदा। कई बार भुगतान से बचने के लिए नेटवर्क को कमजोर कर दिया जाता है। मजबूरी में उपभोक्ता एक नेटवर्क की जगह दो ऑपरेटरों के सिम अपने पास रख रहे हैं। ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ के ही करीब नौ लाख उपभोक्ताओं के पास दो या इससे अधिक कंपनियों के सिम हैं।