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रामनवमी या अक्षय तृतीया से शुरू होगा श्रीराम मंदिर का निर्माण, दो साल में पूरा होगा कार्य

ट्रस्ट के सदस्य स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज और परमानंद गिरि महाराज ने कहा- जल्द ले लेंगे फैसला। ट्रस्ट की पहली बैठक में मंदिर के स्वरूप और निर्माण तिथि पर होगी चर्चा

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 02:23 PM (IST)
रामनवमी या अक्षय तृतीया से शुरू होगा श्रीराम मंदिर का निर्माण, दो साल में पूरा होगा कार्य
रामनवमी या अक्षय तृतीया से शुरू होगा श्रीराम मंदिर का निर्माण, दो साल में पूरा होगा कार्य

लखनऊ, जेएनएन। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य इस साल राम नवमी (दो अप्रैल) या अक्षय तृतीया (26 अप्रैल) से शुरू हो सकता है। हालांकि, इस मामले में अंतिम फैसला ट्रस्ट की पहली बैठक में लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि दो वर्ष में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

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वहीं ट्रस्ट के एक अन्य सदस्य महामंडलेश्वर परमानंद गिरि महाराज ने गुरुवार को कहा कि वह ट्रस्ट की पहली बैठक में मंदिर के स्वरूप और जल्द निर्माण की तिथि निर्धारित करने की बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य रामनवमी से शुरू करना श्रेयस्कर होगा, क्योंकि यही श्रीराम की पावन जन्म तिथि भी है। कहा कि राम कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि स्वयं में राष्ट्र हैं। उनका मंदिर बनाकर हम स्वयं को गौरवान्वित ही करेंगे।

पुणे स्थित अपने आश्रम में स्वामी देवगिरि महाराज मोदी सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। मंदिर निर्माण का कार्य राम नवमी या अक्षय तृतीया से शुरू किया जाएगा। इस सिलसिले में प्रयागराज में होने वाली ट्रस्ट की पहली बैठक में फैसला किया जाएगा। हम दो वर्षो में मंदिर का निर्माण कर लेंगे।’ पांडूरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं स्वामी गो¨वद देवगिरी महाराज। महाराष्ट्र में उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में है।

वहीं, हरिद्वार अखंड परमधाम के परमाध्यक्ष युगपुरुष परमानंद गिरि महाराज ने गुरुवार को मवईधाम आश्रम फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) से फोन पर यह बात कही। बताया कि वे पिछले काफी समय से हरिद्वार से बाहर हैं और अप्रैल से पहले वापसी का उनका कोई कार्यक्रम भी नहीं है। बताया कि बुधवार रात से ही उन्हें काफी फोन आ रहे हैं। कई ऐसे नंबर से भी फोन आए, जो उनके लिए अंजान थे। अगर उनमें कोई नंबर ट्रस्ट के किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति का हो तो कहा नहीं जा सकता।  देशभर के अन्य संतों ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने सरकार की आलोचना की है।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज ने कहा, हम भारतीयों की इच्छा थी कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाए। यह सिर्फ भगवान राम को समर्पित स्मारक नहीं होगा, बल्कि देश का प्रतीक भी होगा। हमें यह मौका रामजन्मभूमि आंदोलन में योगदान देने के लिए कारसेवकों और विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंहल की वजह से मिला।

ट्रस्‍ट के सदस्‍य महामंडलेश्‍वर परमानंद गिरि महाराज ने कहा, अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर आंदोलन में उनके साथ ही तमाम संत-महात्माओं ने सक्रियता से भाग लिया। उनमें से कई ब्रrालीन हो चुके हैं। मैं स्वयं को भगवान का कृपा पात्र मानता हूं कि मुङो मंदिर निर्माण शुरू होते देखने का मौका मिल रहा है। अब तो बस यही सपना है कि मंदिर को 


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