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पीएम मोदी की रैली में गड़बड़ी की थी साजिश, पीएफआइ के सक्रिय सदस्य शफीक से पूछताछ में राजफाश

UP News पापुलर फ्रंट आफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान गड़बड़ी करने का षड्यंत्र रचा था। केरल से पकड़े गए पीएफआइ के सक्रिय सदस्य मु.शफीक पायथ से ईडी की पूछताछ में कई महत्‍वपूर्ण जानकार‍ियां सामने आई हैं।

By JagranEdited By: Anurag GuptaPublished: Sat, 24 Sep 2022 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 10:43 PM (IST)
पीएम मोदी की रैली में गड़बड़ी की थी साजिश, पीएफआइ के सक्रिय सदस्य शफीक से पूछताछ में राजफाश
UP News: ईडी पुलिस रिमांड पर लेकर जुटा रही और जानकारियां।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्य बड़ी साजिश रच रहे हैं। पीएफआइ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई माह में पटना में हुई रैली के दौरान गड़बड़ी करने का षड्यंत्र भी रचा था। केरल के कोझीकोड से गुरुवार को पकड़े गए पीएफआइ के सक्रिय सदस्य मु.शफीक पायथ से ईडी की पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि ईडी की पूछताछ में शफीक ने कई और अहम राज भी उगले हैं, जिन्हें लेकर आगे की छानबीन की जा रही है। सामने आए तथ्यों को अन्य जांच एजेंसियों से भी साझा किया जा रहा है।

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छपवाए गए थे भड़काऊ पर्चे

शफीक से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि पीएफआइ ने रैली में गड़बड़ी के लिए प्रशिक्षण कैंप भी आयोजित किया था और भड़काऊ पर्चे भी छपवाए गए थे। पीएफआइ के देशविरोधी गतिविधियों के लिए लगभग 120 करोड़ रुपये का फंड जुटाए जाने की बात सामने आई है। यह रकम बीते कुछ वर्षों में पीएफआइ व उसके सहयोगी संगठनों के खातों में जमा कराई गई थी।

खाड़ी देशों से फंड‍िंग 

ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में गुरुवार को रफीक को लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। ईडी की अर्जी पर कोर्ट ने रफीक की 23 सितंबर की शाम छह बजे से दस दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर की है। इसके बाद ही ईडी ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की है। शफीक खाड़ी देशों से फंडिंग कराता था। उसने 40 लाख रुपये ईडी के सक्रिय सदस्य केए रऊफ के खाते में भी मंगाए थे।

ह‍िंसक प्रदर्शन में व‍िदेश से आया था पैसा 

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में दो साल पूर्व हुए हिंसक प्रदर्शन में भी विदेश से आई रकम का प्रयोग किया गया था। जांच एजेंसियों को इसके प्रमाण मिले हैं। इनकी योजना एक आतंकी गिरोह बनाने, खतरनाक विस्फोटक व हथियार खरीदने की भी थी, जिससे यूपी समेत अन्य राज्यों में आतंकी हमले की घटना की जा सके। उल्लेखनीय है कि हाथरस कांड के बाद पीएफआइ की प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश भी सामने आई थी।


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