कांग्रेस का लोकतंत्र बचाओ दिवस पर धरना, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
धरने पर बैठे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी द्वारा संविधान की हत्या करने के खिलाफ हम लोग धरने पर बैठे हैं।
By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 02:11 PM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 08:24 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। कर्नाटक में बहुमत को अनदेखा करके भाजपा के येद्दयुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के विरोध में लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिला केंद्रों पर धरना दिया व संघर्ष जारी रखने का एलान किया। जीपीओ पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठे प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजभवन भाजपा के दफ्तर बन गए हैं। धरना समाप्त करने के बाद कांग्रेसियों ने राज्यपाल राम नाईक को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंप हस्तक्षेप की मांग की।
चिलचिलाती गर्मी में प्रात: 11 बजे से धरने पर बैठे कांग्रेसियों ने गांधी के प्रिय भजन गाए। रघुपति राघव राजाराम की गुनगुनाहट के बीच सरकार विरोधी नारे भी लगते रहे। राजबब्बर ने कर्नाटक के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद की मर्यादा गिराने का आरोप लगाया। कहा कि बेशर्मी से सत्ता हथियाने के लिए भाजपा दोहरी नीति अपना रही है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने से उलट नीति गोवा, मेघालय, मणिपुर और बिहार में दूसरी नीति अपनाई गई। पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सभी मर्यादाएं लांघ शपथ ग्रहण भी कराया गया और तोडफ़ोड़ करने का अवसर दिया गया।
इस मौके पर विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू, दीपक सिंह, नरेश सैनी, सतीश अजमानी, श्यामकिशोर शुक्ल, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रमोद सिंह, अमरनाथ अग्रवाल, वीरेंद्र मदान, विनोद मिश्र, सत्यदेव सिंह बृजेंद्र सिंह, मुकेश सिंह चौहान व राजेश काली भी मौजूद थे। जिला एवं शहर अध्यक्षों के अलावा कोर कमेटी के कई सदस्यों की गैरहाजिरी चर्चा में रहीं।
लगभग तीन घंटे धरना देने के बाद शाम चार बजे प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि लगभग सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का आयोजन करके भाजपा की अलोकतांत्रिक नीतियों का विरोध किया गया। पांडेय के मुताबिक, बस्ती, इटावा, आजमगढ़, फैजाबाद, गोंडा, बाराबंकी, उन्नाव, कानपुर, शाहजहांपुर, जौनपुर, लखीमपुर, झांसी, ललितपुर, मथुरा, एटा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, सुलतानपुर और अंबेडकरनगर सहित सभी स्थानों पर कार्यक्रम सफल रहा।
चिलचिलाती गर्मी में प्रात: 11 बजे से धरने पर बैठे कांग्रेसियों ने गांधी के प्रिय भजन गाए। रघुपति राघव राजाराम की गुनगुनाहट के बीच सरकार विरोधी नारे भी लगते रहे। राजबब्बर ने कर्नाटक के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद की मर्यादा गिराने का आरोप लगाया। कहा कि बेशर्मी से सत्ता हथियाने के लिए भाजपा दोहरी नीति अपना रही है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने से उलट नीति गोवा, मेघालय, मणिपुर और बिहार में दूसरी नीति अपनाई गई। पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सभी मर्यादाएं लांघ शपथ ग्रहण भी कराया गया और तोडफ़ोड़ करने का अवसर दिया गया।
इस मौके पर विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू, दीपक सिंह, नरेश सैनी, सतीश अजमानी, श्यामकिशोर शुक्ल, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रमोद सिंह, अमरनाथ अग्रवाल, वीरेंद्र मदान, विनोद मिश्र, सत्यदेव सिंह बृजेंद्र सिंह, मुकेश सिंह चौहान व राजेश काली भी मौजूद थे। जिला एवं शहर अध्यक्षों के अलावा कोर कमेटी के कई सदस्यों की गैरहाजिरी चर्चा में रहीं।
लगभग तीन घंटे धरना देने के बाद शाम चार बजे प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि लगभग सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का आयोजन करके भाजपा की अलोकतांत्रिक नीतियों का विरोध किया गया। पांडेय के मुताबिक, बस्ती, इटावा, आजमगढ़, फैजाबाद, गोंडा, बाराबंकी, उन्नाव, कानपुर, शाहजहांपुर, जौनपुर, लखीमपुर, झांसी, ललितपुर, मथुरा, एटा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, सुलतानपुर और अंबेडकरनगर सहित सभी स्थानों पर कार्यक्रम सफल रहा।
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