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यूपी चुनाव में हार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का फूटा गुबार, महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने को बताया राजनीतिक अनाड़ीपन

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में जिलेवार बैठकों के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को बताया कि चुनाव में बड़े पैमाने पर कांग्रेस प्रत्याशियों का चयन दोषपूर्ण था। जिनकी कोई पहचान नहीं थी उन्हें टिकट दिये गए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 16 Apr 2022 12:02 AM (IST)Updated: Sat, 16 Apr 2022 12:02 AM (IST)
यूपी चुनाव में हार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का फूटा गुबार, महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने को बताया राजनीतिक अनाड़ीपन
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने पार्टी की हार की समीक्षा की।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में मिली करारी हार के कारण जानने के लिए आये तो शुक्रवार को उनके सामने पार्टी कार्यकर्ताओं का गुबार फूटा और दर्द भी छलका।

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में हुईं जिलेवार बैठकों के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि चुनाव में बड़े पैमाने पर कांग्रेस प्रत्याशियों का चयन दोषपूर्ण था। जिनकी कोई पहचान नहीं थी, उन्हें टिकट दिये गए। टिकट वितरण में धांधली और लेनदेन को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने शिकायत की।

कार्यकर्ताओं का यह भी कहना था कि बूथ और ग्राम कमेटियों की बात तो छोड़िए, न्याय पंचायत स्तर पर भी पार्टी संगठन सिर्फ कागजों पर था। संगठन के कार्य से जुड़े प्रदेश पदाधिकारियों ने और राष्ट्रीय सचिवों ने पार्टी नेतृत्व को गुमराह किया। कार्यकर्ताओं ने चुनाव में पार्टी महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की मेहनत को तो सराहा लेकिन उनके करीबियों की निरंकुशता की आलोचना की।

कुछ कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने के औचित्य पर सवाल उठाया और इसे राजनीतिक अनाड़ीपन करार दिया। सलाहकार समिति के एक सदस्य का यह भी कहना था कि कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न कर गलती की। प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव जरूर लड़ा लेकिन जनता ने उन्हें राज्य का नेता नहीं माना।

उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के कुछ नेता चुनाव में सपा से गठबंधन के पैरोकार थे, लेकिन इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति स्पष्ट नहीं थी। वहीं जनता के बीच यह संदेश गया कि यदि कांग्रेस कुछ सीटें जीतती भी है तो वह सपा की सरकार बनवाएगी। चुनाव में ध्रुवीकरण की स्थिति पैदा होने पर इसी वजह से रहा-सहा वोट भी कांग्रेस से खिसक गया।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान भंवर जितेंद्र सह ने कहा कि चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता अपनी बात कह रहे हैं ताकि हम इन खामियों को दूर कर लोकसभा चुनाव की तैयारी कर सकें। लखनऊ के बाद झांसी और वाराणसी में भी विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी जिसके बाद पार्टी नेतृत्व को वह अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि यूपी के नये प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा भी जल्द होगी।

शुक्रवार को जितेंद्र सिंह ने लखनऊ, बाराबंकी, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, बहराइच, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात, हरदोई, सीतापुर, श्रावस्ती, बलरामपुर और गोंडा के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। शनिवार को वह सुलतानपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, अयोध्या, अंबेडकरनगर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर और पीलीभीत के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।


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