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Congress Chintan Shivir: यूपी में अब बड़े बदलावों की ओर बढ़ेगी कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द

UP Congress President उत्तर प्रदेश के साथ ही जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए उनमें कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किये हैं। इसी आधार पर यह कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी इस प्रयोग को उत्तर प्रदेश में भी दोहराएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 09:51 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 05:12 PM (IST)
Congress Chintan Shivir: यूपी में अब बड़े बदलावों की ओर बढ़ेगी कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द
यूपी में जल्द हो सकती है प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़े सांगठनिक बदलाव दिखेंगे। जल्द ही कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होने के आसार हैं। प्रदेश अध्यक्ष के अलावा चार या पांच कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश के साथ ही जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, उनमें कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किये हैं। इसी आधार पर यह कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी इस प्रयोग को उत्तर प्रदेश में भी दोहराएगी। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कार्यकारी अध्यक्षों की संख्या चार से पांच तक हो सकती है।

प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में पूर्व सांसद पीएल पुनिया, प्रमोद कृष्णम, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी बताये जा रहे हैं। वहीं कार्यकारी उपाध्यक्ष पद के लिए फरेंदा के विधायक वीरेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक नदीम जावेद, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, प्रदेश उपाध्यक्ष रहे विश्वविजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी रहे योगेश दीक्षित के नाम चर्चा में हैं।

प्रदेश में प्रस्तावित कांग्रेस के सांगठनिक ढांचे में हर स्तर पर 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को प्रतिनिधित्व दिये जाने के संकल्प की छाप दिखेगी। युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाए जाने के अलावा सांगठनिक ढांचे में भी बदलाव का इरादा है।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के प्रस्तावित सांगठनिक ढांचे में न्याय पंचायत कमेटियों की जगह मंडल/सेक्टर कमेटियां बनेंगी। न्याय पंचायत समितियों की तुलना में न सिर्फ सेक्टर कमेटियों छोटी होंगी बल्कि उनका दायरा भी कम होगा। न्याय पंचायत समिति के तहत 20 से 25 बूथ आते थे। प्रस्तावित सेक्टर कमेटियों के दायरे में आठ से 10 बूथ आएंगे।

राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति के गठन का भी प्रस्ताव है। यह समिति चुनाव से जुड़े समस्त प्रबंधन कार्य करेगी। नागरिकों से जुड़े मुद्दों पर नजर रखने और जनता का मूड भांपने के लिए पब्लिक अफेयर्स कमेटी के गठन की भी मंशा है। कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए राज्य में ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना भी हो सकती है।


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