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बलिया जाते वक्त हिरासत में लिए गए लल्लू देर शाम छूटे, अतिथि गृह में रहे घंटों नजरबंद

बलिया पत्रकार हत्याकांड में पीड़ित परिवार से शोक वक्त करने निकले थे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू। देर रात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लखनऊ वापस भेज दिया गया।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 04:08 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 07:23 AM (IST)
बलिया जाते वक्त हिरासत में लिए गए लल्लू देर शाम छूटे, अतिथि गृह में रहे घंटों नजरबंद
बलिया जाते वक्त हिरासत में लिए गए लल्लू देर शाम छूटे, अतिथि गृह में रहे घंटों नजरबंद

रायबरेली, जेएनएन। बलिया पत्रकार हत्याकांड में पीड़ित परिवार से शोक वक्त करने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मंगलवार को कार्यकर्ताओं के साथ लखनऊ से रवाना हुए। रायबरेली के सलोन कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत करहिया टोल प्लाजा पर पुलिस ने रोक लिया। पुलिसिया कार्रवाई से नाराज अजय कुमार लल्लू भड़क उठे और वहीं से करीब दो किमी पैदल प्रतापगढ़ की ओर चलते गए। बाद में पुलिस ने उन्हें अपने वाहन में बैठा लिया। फिर समसपुर पक्षी विहार स्थित वन विभाग के अतिथि गृह में नजरबंद कर दिया। देर शाम उनको हिरासत से मुक्त करते हुए लखनऊ भेज दिया गया।

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कांग्रेस के गढ़ में हाइवोल्टेज ड्रामा

प्रदेश अध्यक्ष व उनके साथियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। देखते ही देखते नसीराबाद, डीह, जगतपुर समेत अन्य कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। उधर, प्रदेश अध्यक्ष को रोके जाने की सूचना पर रायबरेली और अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। 

 

बड़ी संख्या में वे गेस्ट हाउस पहुंचे और वहीं सड़क किनारे धरने पर बैठ गए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को बलिया जाने से रोके जाने पर कार्यकर्ताओं ने भले ही हल्ला-गुल्ला मचाया। लेकिन, खाकी के आगे एक न चली। अमेठी और रायबरेली की सरहद पर करीब पांच घंटे राजनीतिक धमाचौकड़ी मची रही जिसका नतीजा शून्य रहा। 

बिफरे लल्लू, बोले-मुझसे? क्यों घबरा रही है सरकार

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि क्या आवाज उठाना इस लोकतंत्र में गुनाह है। मैं तो शांतिपूर्वक एकदम सलीके से गांधीवादी तरीके से जा रहा हूं और आपकी पुलिस रोक रही है। कहा कि क्या इस लोकतंत्र में किसी व्यक्ति के मरने के बाद संवेदना व्यक्त करने जाने के लिए मुझे किसी से इजाजत लेनी पड़ेगी। ये लोकतंत्र है या आपातकाल। अगर आपातकाल है तो बता दीजिए। जब उनसे कहा गया कि अधिकारी का आदेश है तो वह और तल्ख हो गए। बोले, एक विधायक को व प्रदेश अध्यक्ष को अधिकारी आदेश नहीं दे सकता है। आप हत्या तो रोक नहीं पा रहे हैं। जहां मैं जा रहा हूं, रोक दे रहे हैं। क्या दिक्कत है मुझसे? क्यों घबरा रही है सरकार।

क्या कहती है पुलिस? 

पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाईं के मुताबिक, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कतिपय जनपद जाने के लिए सलोन होते हुए निकल रहे थे। कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके चलते उन्हें सलोन क्षेत्र में ही रोका गया है। 


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