अदिति सिंह ने कहा- अंगद सिंह सैनी से कोई अफेयर नहीं, घर के लोगों ने तय की शादी
अदिति सिंह ने कहा कि अंगद सिंह सैनी से उनका कोई अफेयर नहीं था। यह शादी उनके पिता स्वर्गीय अखिलेश सिंह ने तय की थी।
लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस शासित प्रदेश पंजाब के नवांशहर के विधायक अंगद सिंह सैनी से 21 को विवाह के बंधन में बंधने जा रही रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। युवा विधायक अदिति सिंह ने कहा कि अंगद सिंह सैनी से उनका कोई अफेयर नहीं था। यह शादी उनके पिता स्वर्गीय अखिलेश सिंह ने तय की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विवाह के बाद भी रायबरेली ही उनकी वरीयता रहेगी। रायबरेली तो मेरी जान है।
अदिति सिंह ने कहा कि अंगद और मेरी बीच कोई अफेयर नहीं है। अंगद सैनी के साथ अफेयर होने की बात पर अदिति सिंह ने कहा कि हमारे बीच किसी तरह का कोई अफेयर नहीं था, लेकिन सगाई के बाद से हम दोनों की बातचीत शुरू हुई है और एक-दूसरे को जानने का मौका मिला है।उन्होंने यह भी कहा कि मेरी तरफ से शादी में बहुत ज्यादा लोगों को निमंत्रण नहीं है। बहुत छोटे ग्रुप को ही मैंने बुलाया है, हां, अंगद की तरफ से चंडीगढ़ में जरूर रिसेप्शन बड़ा हो रहा है।
अदिति ने अपनी शादी की तैयारियों के बारे में बताया कि उनकी शादी उनके पिताजी (अखिलेश सिंह) ने तय की थी। अदिति ने आगे बताया कि अंगद सैनी से यह शादी परिवार के सदस्यों ने तय की, लेकिन पिछले एक वर्ष से हम दोनों को जानने का मौका मिला है। अंगद सिंह के पिता पिता प्रकाश सिंह और अदिति के पिता अखिलेश सिंह दोस्त रहे हैैं। इसी कारण दोनों परिवारों का एक-दूसरे के यहां आना-जाना था। इसी दौरान उनकी अदिति से दोस्ती हुई। उन्होंने कहा कि यह अरेंज मैरिज है, न कि लव मैरिज।
क्षेत्र से जुड़ी रहेंगी अदिति, कहा-रायबरेली तो मेरी जान
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से विधायक अदिति सिंह शादी के बाद भी अपने क्षेत्र रायबरेली से राजनीतिक रूप से जुड़ी रहेंगी।
शादी के बाद उत्तर प्रदेश छोडऩे के सवाल पर अदिति सिंह ने कहा कि अंगद और हम एक-दूसरे को समझते हैं। मेरा अपना क्षेत्र छोडऩा या उत्तर प्रदेश छोडऩे का कोई सवाल ही नहीं है। रायबरेली मेरी जान है, यहां के लोग हमारे और यहां की सियासत मेरी है, इसलिए यह मैं कतई नहीं छोड़ूंगी ना ही मेरे पति अपनी सियासत वहां से छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शादी के बाद वह करियर कहां बनाएगी, हमेशा लड़की से ही यह क्यों सवाल होता है। मेरे लिए कहीं भी जाकर चुनाव जीतने का सवाल नहीं है। यह दिलों से जुड़ाव का मामला है। मेरी नजर में रायबरेली से जुड़ा लगाव है। रायबरेली में मेरे लोग हैं, मैं यहां से विधायक हूं, मेरे कार्यकर्ता यहां पर हैं। रायबरेली और यूपी छोडऩे का कोई सवाल ही नहीं है। मेरा दिल वहां से जुड़ा हुआ है। अंगद के लिए पंजाब छोडऩे का कोई सवाल ही नहीं है। हम लोग तो अपनी-अपनी जगह सियासत करेंगे।
पिता ने कहा था-रुकनी नहीं चाहिए शादी
पिता को याद करते हुए अदिति सिंह ने कहा कि मेरे पिताजी ने ही शादी की तारीख तय की थी, इसलिए उनकी मृत्यु के तीन महीने के अंदर ही शादी कर रही हूं क्योंकि उन्होंने आखिरी सांस लेने के पहले यह कहा था कि शादी रुकनी नहीं चाहिए. इसलिए बेहद साधारण माहौल में हम शादी कर रहे हैं।
अंगद की मां भी राजनीति में
विधायक अंगद सिंह का परिवार राजनीति से लंबे समय से जुड़ा रहा है। अंगद के पिता प्रकाश सिंह के अंकल दिलबाग सिंह वर्ष 1962 में पहली बार नवांशहर के विधायक बने थे। इसके बाद लगातार छह बार नवांशहर के विधायक रहे। वर्ष 1997 में दिलबाग सिंह के बेटे चरणजीत सिंह विधायक बने। वर्ष 2002 में अंगद के पिता प्रकाश सिंह नवांशहर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2012 में अंगद सिंह की माता गुरइकबाल कौर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अंगद सिंह को 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से टिकट मिला। अपने पहले ही चुनाव में वह जीतकर विधानसभा पहुंचे। इससे पहले वर्ष 2008 में वह नवांशहर यूथ कांग्रेस के महासचिव भी चुने गए थे। विधायक अंगद सिंह शिमला के बिशप कॉटन स्कूल और मोहाली के यादविंदरा पब्लिक स्कूल में पढ़े हैं।