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सपा से दोस्ती पर एक राय नहीं बना पर रहे कांग्रेसी नेता

कांग्रेस का एक खेमा विधानसभा चुनाव में हार का कारण सपा से दोस्ती को जिम्मेदार मानता है। इतना ही वह भविष्य में गठबंधन करने का खुलकर विरोध भी कर रहा है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 02 Jun 2017 03:16 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2017 03:16 PM (IST)
सपा से दोस्ती पर एक राय नहीं बना पर रहे कांग्रेसी नेता
सपा से दोस्ती पर एक राय नहीं बना पर रहे कांग्रेसी नेता

लखनऊ : गत विधानसभा चुनाव में मात्र छह फीसद वोट हासिल करने वाली कांग्रेस का एक खेमा इसके लिए सपा से दोस्ती को जिम्मेदार मानता है। इतना ही वह भविष्य में गठबंधन करने का खुलकर विरोध भी कर रहा है। उसका दावा है कि सपा-बसपा से दूरी बनाकर ही कांग्रेस अपना वजूद बचा सकेगी।

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विधानपरिषद में दल नेता रहे नसीब पठान का कहना है कि वर्ष 2016 में राहुल गांधी की किसान यात्रा से प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में जबरदस्त माहौल बनने लगा था। पूर्ववर्ती सपा सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी का लाभ भी कांग्रेस को मिलने की उम्मीद जगी थी। ऐसे में सपा से दोस्ती करने का फैसला आत्मघाती साबित हुआ। वर्ष 2012 में 15 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर 20 सीटें जीतने वाली कांग्रेस मात्र छह फीसद वोट व नौ विधायकों पर सिमट गयी। इधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बार-बार कांग्रेस से दोस्ती बरकरार रहने का एलान करना भी गठबंधन विरोधी खेमे को खल रहा है।
 


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