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अब कांग्रेस से जुड़ेंगे युवा और बच्चे, भारत बचाओ आंदोलन की कसौटी पर होगी परख

कांग्रेस युवा और बच्चों को संगठन से जोड़ने की तैयारी में है। इसके लिए फ्रंटल संगठन को सक्रिय कर दिया है। भारत बचाओ आंदोलन से संगठन की परख होगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 09:55 PM (IST)
अब कांग्रेस से जुड़ेंगे युवा और बच्चे, भारत बचाओ आंदोलन की कसौटी पर होगी परख
अब कांग्रेस से जुड़ेंगे युवा और बच्चे, भारत बचाओ आंदोलन की कसौटी पर होगी परख

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस युवा और बच्चों को संगठन से जोड़ने की तैयारी में है। इसके लिए उसने फ्रंटल संगठन को सक्रिय करने की तैयारी कर ली है। भारत बचाओ आंदोलन से संगठन की अग्निपरीक्षा होगी। कांग्रेस सेवादल को सबसे ज्यादा मजबूती दी जाएगी। इसके लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। सेवादल के बाल सेवक नजर आएंगे।

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सेवादल को मिलेगी मजबूती

कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व बिहार के प्रभारी राज नारायण यादव का कहना है कि सेवादल की मजबूती से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। अमेठी में लंबे समय तक सेवादल के मुख्य संगठक रहे नरसिंह बहादुर सिंह ने कहा कि सेवादल आम जनमानस के बीच उनके दुख दर्द को दूर करने का काम करता है।राहुल गांधी के प्रतिनिधि चंद्रकांत दूबे ने कहा कि बाल सेवादल के गठन से बच्चों के मन में शुरू से ही कांग्रेस व राष्ट्रीयता की विचारधारा का विस्तार होगा।

युवा कांग्रेस की मिली कमान 

युवा कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चंद यादव के लिए बड़ी चुनौती नई पीढ़ी को कांग्रेस से जोड़ना होगा। लंबे अर्से बाद उप्र के किसी नेता को युवा कांग्रेस की कमान मिली है। पदासीन होने के बाद केशव पहली बार मंगलवार को लखनऊ आ रहे हैं। वह भारत बचाओ जनांदोलन का आगाज करेंगे। केशव का स्वागत करने के बहाने मध्य जोन में युवक कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन भी होगा। मूलत: देवरिया जिले से ताल्लुक रखने वाले केशव चंद यादव अपने गृह प्रदेश से ज्यादा दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में सक्रिय रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर केशव की नियुक्ति चौंकाने वाली रही लेकिन, पार्टी के दिग्गज नेता इसे नया प्रयोग बता रहे हैं। खासकर पिछड़े वर्ग के युवाओं में पकड़ मजबूत करने के लिए प्रयोग को कारगर बता रहे एक पूर्व विधायक का कहना है कि कांग्रेस को अब नए चेहरों की जरूरत है।

संगठन को चार जोन में बांटना पड़ा भारी

कभी कांग्रेस की असली ताकत माने जाने वाले युवक कांग्रेस संगठन को चार जोन में विभाजित करने का प्रयोग सुखद नहीं रहा। पदाधिकारियों का चयन बैलेट से करने और प्रदेश में एक अध्यक्ष व कमेटी न होने को युवक कांग्रेस में कमजोरी की अहम वजह बता रहे एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अब संगठन का स्वरूप सियासी नहीं रह गया। एनजीओ की तरह युवक कांग्रेस को चलाने की जिद राजनीतिक गतिविधियों पर भारी पड़ रही है। ऐसा ही हाल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का भी हो गया है। इन दोनों संगठनों में कमजोरी आने से पार्टी में जनाधार वाले नए नेताओं की कमी दिखने लगी है।     

नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ी दूरी

कांग्रेस में नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच फासले कम नहीं हो पा रहे हैं। जिला व शहर इकाइयों की नियमित बैठकें नहीं हो पा रही हैं। संगठनात्मक चुनाव संपन्न हुए लगभग आठ माह बीतने के बावजूद ब्लाक, जिला व शहर कमेटियों की विधिवत घोषणा नहीं हो सकी है। इस वजह से स्थानीय स्तर पर मुख्य व सहयोगी संगठनों के बीच आपसी तालमेल नहीं बन रहा है। शीर्ष स्तर से होने वाली नियुक्तियों की परम्परा बढऩे से कार्यकर्ताओं में मायूसी है। भारत बचाओ आंदोलन के अंतर्गत मंगलवार को विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा। मीडिया प्रभारी अवनीश शुक्ल ने बताया कि किसान, नौजवान, महिला और व्यापारियों के हितों के खिलाफ केंद्र व प्रदेश सरकारों की नीतियां उजागर करने के लिए युवक कांग्रेस संघर्ष करेगी।


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