Hypospadias नाम की दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था बच्चा, जानिए क्या है ये विकृति Lucknow News
केजीएमयू में जन्मजात विकृति हाइपोस्पेडियास से ग्रसित 12 साल के बच्चे का हुआ सफल ऑपरेशन। पद्मश्री प्रो डॉ एसएन कुरील ने किया ऑपरेशन।
लखनऊ, जेएनएन। 12 साल के बच्चे के गुप्तांग में जन्मजात विकृति थी। साथ ही उसका पेशाब मार्ग मूल स्थान के बजाय नीचे की ओर था। निजी अस्पताल में उसका आठ बार ऑपरेशन हुआ। यहां बीमारी ठीक होने के बजाय और बढ़ गई। ऐसे में केजीएमयू के डॉक्टर ने एक बार में ही सफल ऑपरेशन कर उसे नई जिंदगी दे दी।
हरदोई निवासी 12 वर्षीय बच्चा जन्मजात ‘हाइपोस्पेडियास’ बीमारी से पीड़ित था। धनुषाकार गुप्तांग व पेशाब मार्ग का स्थान निचले हिस्से में होने से वह यूरिन पैर पर ही कर रहा था। बच्चा बड़ा होने पर असहजता व शर्मिदगी का शिकार होने लगा। माता-पिता ने उसे स्थानीय डॉक्टर को दिखाया। यहां से उन्हें ऑपरेशन के लिए लखनऊ के निजी अस्पताल में भेज दिया गया। डॉक्टर ने जटिल ऑपरेशन देख गुड़गांव के कॉपरेरेट हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
तीन वर्ष, आठ ऑपरेशन, तीन नसें डैमेज : बुधवार को केजीएमयू के पीडियाटिक सर्जन पद्मश्री डॉ. एसएन कुरील ने कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के समक्ष जटिल ऑपरेशन का प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे का गुड़गांव के हॉस्पिटल में पहली बार 2015 में ऑपरेशन किया गया। इसके बाद 2017 तक डॉक्टरों ने आठ बार ऑपरेशन किए, सभी फेल हो गए। इस दौरान गुप्तांग की तीन मुख्य नसें भी डैमेज हो गईं।
तीन घंटे चला ऑपरेशन: डॉ. कुरील के मुताबिक बच्चे को परिवारीजन जनवरी में लेकर ओपीडी आए। यहां अल्ट्रासाउंड, खून व पीएचसी जांच कराई। इसके बाद वेसेल व्यूअर से डैमेज नसें चेक कीं। इसमें गुप्तांग की दोनों मुख्य डारसो लैट्रल नसें डैमेज हो चुकी थीं। वहीं दो में से एक डारसो मीडियल भी खराब हो चुकी थी। 19 अगस्त को बच्चे को भर्ती किया गया। तीन घंटे तक चला ऑपरेशन सफल रहा। एक ही नस के जरिए जहां अंग में सक्रियता ला दी, वहीं पेशाब मार्ग भी सही हो गया। इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।