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यूपी में शैक्षिक सुधारों पर मंथन को कुलपतियों का सम्मेलन छह को

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से सम्मेलन में पाठ्यक्रम परिवर्धन व समान पाठ्यक्रम पर मंथन होगा। नए पाठ्यक्रमों के अनुमोदन और स्नातकोत्तर विषयों में सेमेस्टर प्रणाली पर भी चर्चा होगी।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 04 Jul 2017 01:04 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jul 2017 01:06 PM (IST)
यूपी में शैक्षिक  सुधारों पर मंथन को कुलपतियों का सम्मेलन छह को
यूपी में शैक्षिक सुधारों पर मंथन को कुलपतियों का सम्मेलन छह को

लखनऊ (जेएनएन)। राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का सम्मेलन छह जुलाई को योजना भवन में होगा। सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.दिनेश शर्मा भी मौजूद रहेंगे। सम्मेलन में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उन्नयन के साथ विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक सुधारों पर भी चर्चा होगी।

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शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से सम्मेलन में पाठ्यक्रम परिवर्धन व समान पाठ्यक्रम पर मंथन होगा। नए पाठ्यक्रमों के अनुमोदन और स्नातकोत्तर विषयों में सेमेस्टर प्रणाली पर भी चर्चा होगी। शोध कार्यों को बढ़ावा देने के अलावा शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती व अतिरिक्त पदों के सृजन पर भी मंथन होगा। नैक मूल्यांकन और गुणवत्ता सुधार में तकनीक के प्रयोग के अलावा ट्रांसफर, ई-जर्नल्स, शोधगंगा पर भी चर्चा होगी।

वहीं प्रशासनिक सुधार के तहत छात्रों, कर्मचारियों व शिक्षकों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने, अकेडमिक ऑडिट, विश्वविद्यालय की वेबसाइट को अपडेट करने और कॉलेजों को ऑनलाइन संबद्धता देने पर विचार विमर्श होगा। विश्वविद्यालयों द्वारा निश्चित अवधि के अंदर एक साथ छात्रसंघ चुनाव कराने पर भी चर्चा होगी। छात्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, विभिन्न शुल्कों के ई-ट्रांसफर, समान शैक्षिक सत्र और स्ववित्तपोषित शिक्षकों के सत्यापन जैसे विषय भी सम्मेलन के एजेंडे में शामिल हैं।


परीक्षा सुधारों के तहत ऑनलाइन एप्लीकेशन, परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर पूर्णत: रोक, सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने, मूल्यांकन प्रणाली में सुधार, निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्रों के निर्धारण, ऑनलाइन डिग्री/सर्टिफिकेट और पारदर्शी मौखिक परीक्षा जैसे विषयों पर कुलपति मंथन करेंगे। शैक्षिक सुधार के तहत शिक्षकों का केंद्रीय डाटाबेस तैयार करने, स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना, अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन, ई-लर्निंग और ई-लाइब्रेरी जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।


अवस्थापना सुधार के तहत राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के माध्यम से निर्माण कार्य कराने, शोध प्रयोगशालाओं को केंद्रीय शोधशाला से संबद्ध करने पर भी विमर्श होगा। करियर काउंसिलिंग सेल, प्लेसमेंट सेल और इम्प्लायमेंट ब्यूरो की स्थापना पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा अभिनवीकरण, विश्वविद्यालयों के बीच खेल प्रतियोगिताएं व सांस्कृतिक आदान-प्रदान, उद्योगों के साथ अकादमिक सहयोग और क्षेत्रीय जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

कुलपति देंगे प्रस्तुतीकरण
सम्मेलन के दौरान पांच विश्वविद्यालयों के कुलपति अलग-अलग विषयों पर प्रस्तुतीकरण देंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एसपी सिंह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तो राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के बारे में बताएंगे। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आरआर यादव परीक्षा सुधार और प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.विनय पाठक विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग और विशिष्ट विश्वविद्यालयों के उन्नयन पर प्रस्तुतीकरण करेंगे। काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो.पृथ्वीश नाग अवस्थापना सुधार पर प्रस्तुतीकरण करेंगे।
 


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