यूपी के 10 जिलों में बाल अपराधियों के लिए चलेगी कंप्यूटर की पाठशाला, लखनऊ से शुरुआत
कभी कट्टा और चाकू थामने वाले हाथों में अब कंप्यूटर का माउस और की बोर्ड होगा। चोरी और नशे के बजाय बाल अपराधी अब तकनीक से अवगत होंगे। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की पहल पर लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह के 120 को प्रशिक्षण मिलेगा।
लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। कभी कट्टा और चाकू थामने वाले हाथों में अब कंप्यूटर का माउस और की बोर्ड होगा। चोरी और नशे के बजाय बाल अपराधी अब तकनीक पर मंथन करेंगे। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की पहल पर लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह के 120 बाल अपराधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके पीछे मंशा है कि प्रशिक्षण के उपरांत उनके बाहर निकलने पर वे अपना काम कर सकें या नौकरी कर सकें। लखनऊ सहित प्रदेश के 10 जिलों में स्थापित राजकीय संप्रेक्षण गृह (बालक) में निरुद्ध बाल अपराधियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए ऐसे केंद्र खोलने की तैयारी है।
लखनऊ में 120 बाल अपराधियों को प्रशिक्षणः
मोहान रोड स्थित राजकीय राजकीय संप्रेक्षण गृह (बालक) में दो बैच का संचालन होगा। बाल अपराधियों को प्रशिक्षण देने वाली संस्था के कार्यवाहक निदेशक धीरेंद्र तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षण देने की तैयारियां पूरी हो गई हैं। कोरोना संक्रमण के चलते देनी हुई। लखनऊ में 120 बाल अपराधियों को इलेक्ट्रिक और रिटेल ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इन जिलों में भी जल्द होगी शुरुआतः बाल अपराधियों की योग्यता और रुचि के अनुरूप ट्रेडों को चुना जाएगा। इसके साथ ही बरेली और कानपुर में भी शुरुआत करने की कवायद चल रही है। पुलिस विभाग, महिला कल्याण और कौशल विकास मिशन के सहयोग से वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, मथुरा, गाजियाबाद, बरेली व गौतमबुद्ध नगर में प्रशिक्षण केंद्र खोलने का प्रस्ताव है।
लखनऊ के राजकीय संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक संजय सोनी ने बतायाकि तकनीकी प्रशिक्षण देने के विभाग के निर्णय से बाल अपराधी हुनरमंद हो जाएंगे और संप्रेक्षण गृह से छूटने के बाद हुनर के साथ अपनी नई जिंदगी शुरू कर सकेंगे। पंजीकृत 120 बाल अपराधियों में कई रिहा भी हो गए हैं जिनके अभिभावकों को प्रशिक्षण और परीक्षा के लिए आने की गुजारिश भी की गई है।