लखनऊ में असदुद्दीन ओवैसी के विरुद्ध देशद्रोह का परिवाद दायर
हैदराबाद से सांसद तथा आईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आज लखनऊ में देशद्रोह का परिवाद दायर किया गया है। लखनऊ के चीफ ज्युडीशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में यह परिवाद दायर किया गया है।ओवैसी के खिलाफ सीजीएम कोर्ट में वकील सत्येन्द्र ने मुकदमा दर्ज किया।
लखनऊ। हैदराबाद से सांसद तथा आईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आज लखनऊ में देशद्रोह का परिवाद दायर किया गया है। लखनऊ के चीफ ज्युडीशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में यह परिवाद दायर किया गया है।ओवैसी के खिलाफ सीजीएम कोर्ट में वकील सत्येन्द्र ने मुकदमा दर्ज किया। कल होगी सुनवाई।
आईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ लखनऊ में आज देशद्रोह का परिवाद दायर किया गया है। सीजेएम कोर्ट में ओवैसी के खिलाफ परिवाद दायर हुआ है। जिसमें उनके खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
गौरतलब है कि ओवैसी ने कहा था कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। ओवैसी ने कहा था कि चाहे मेरे गले पर चाकू लगा दो पर मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि संघ नेताओं के कहने पर वो भारत माता की जय के नारे कभी नहीं लगाएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के विरोध में ओवैसी ने यह बात कही थी।
भागवत ने पिछले दिनों सुझाव दिया कि नई पीढ़ी को भारत माता की जय बोलना सीखाना होगा। ओवैसी ने परसों महाराष्ट्र के लातूर जिले के उडगीर में आयोजित एक सभा में यह बयान दिया था। जनसभा में ओवैसी ने कहा वह कभी भारत माता की जय का जयकारा नहीं लगाता। भागवत साहब, आप क्या करने जा रहे हैं। आप यदि मेरी गर्दन पर छूरी रख दें तो भी मैं यह नारा नहीं लगाऊंगा। ओवैसी ने सभा में मौजूद लोगों से कहा कि मैं भारत में रहूंगा पर भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। यह हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता की जय बोलना जरूरी है।
असदुद्दीन ओवैसी सबसे बड़ा साम्प्रदायिक इंसान : निरंजन ज्योति
फतेहपुर से भारतीय जनता पार्टी की सांसद तथा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री निरंजन ज्योति ने आईएमआईएम के नेता तथा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की भारत माता की जयकारे लगाने को साम्प्रदायिकता से जोडऩे पर कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति भारत माता की जय बोलने को साम्प्रदायिक समझता है वह देश का सबसे बड़ा साम्प्रदायिक इंसान है। निरंजन ज्योति ने कहा कि भारत माता की जय बोलना आरएसएस का एजेंडा नहीं है बल्कि यह तो गर्व से जुड़ा हुआ मुद्दा है।