अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रतियोगिता
अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर पंकज मिश्र अध्यक्ष लेजर प्रभाग आरआरसीएटी इंदौर ने लेजर शोध एवं उनकी गतिविधियों जैसे लेजर कटिंग वेल्डिंग मनचाहे शेप में थ्री डी प्रिंटिंग के बारे में गहराई से समझाया और चलचित्र भी दिखाए।
लखनऊ, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय में 16 मई को भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पोस्टर, फोटोग्राफी, लेखन प्रतियोगिता का आयोजित किया गया। वहीं कार्यक्रम में कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर पंकज मिश्र, अध्यक्ष, लेजर प्रभाग आरआरसीएटी, इंदौर ने लेजर शोध एवं उनकी गतिविधियों जैसे लेजर कटिंग, वेल्डिंग, मनचाहे शेप में थ्री डी प्रिंटिंग के बारे में गहराई से समझाया और चलचित्र भी दिखाए। उन्होंने सिंक्रोट्रान की टनल, इनडस टू का सैटेलाइट व्यू भी दिखाया। विभिन्न चुम्बक जो कि केंद्र की विशेष योग्यता है, भी दर्शाए।
एलआइजीओ इंडिया के विषय में बताते हुए हिंगोली महाराष्ट्र के बारे में भी बताया। मिश्रा ने कहा कि शीघ्र ही 15-50 माइक्रो मीटर और 15-25 एमईवी का फ्री इलेक्ट्रान लेजर भी आरआरसीएटी बना लेगा। बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में 1986 से ही फ्री इलेक्ट्रान पर सैद्धांतिक और सिमुलेशन शोध इलेक्ट्रॉनिकी विभाग, भारत सरकार के प्रोजेक्ट के तहत हुआ और डाटा आरआरसीएटी को उपलब्ध कराया था।
अमरीका से विशिष्ट अतिथि डॉ मीनाक्षी सिंह ने क्यूयूबीआइटीएस के बारे में प्रकाश की आवश्यकता और क्वांटम कंप्यूटिंग, सेंसिंग के बारे में बताया। डॉ कामाख्या मिश्र ने पल्स ऑक्सिमेटर में स्पेक्ट्रोस्कोपी का प्रयोग समझाया और बताया कि कोरोना रोगी आजकल इस उपकरण के कारण खतरे को जान लेते है। प्रोफेसर निशि पाण्डे ने विश्व शास्त्रों में एवम डॉ सत्यकेतु ने संस्कृत शास्त्रों में वर्णित प्रकाश को समझाया। प्रतियोगी लखनऊ के कई विद्यालय, महाविद्यालय, प्रयागराज , वाराणसी, पंजाब एवम अन्य स्थानों से सम्मिलित हुए। विजेता को ई-सर्टिफिकेट दिए गए। प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र दिए गए।