Lakhimpur Bus Accident: घायल बच्चे को देख रो पड़ीं कमिश्नर रोशन जैकब, दिए बेहतर इलाज के निर्देश
Lakhimpur Bus Accident पीलीभीत बस्ती नेशनल हाईवे पर हुए सड़क हादसे में कई लोगों की मौत की खबर सुनकर कमिश्नर डा. रोशन जैकब भी लखीमपुर पहुंच गईं। यहां ओयल के जिला अस्पताल में एक घायल बच्चे की गंभीर हालत देखकर डा. रोशन जैकब वहीं फफक कर रो पड़ीं।
लखीमपुर, [मोहम्मद साजिद]। लखनऊ की मूसलाधार बारिश हो या लखीमपुर में गिरी कच्ची दीवार यह कमिश्नर रोशन जैकब की संवेदनशीलता ही है जो उनकी कार्यशैली में ही नहीं उनके चेहरे पर ही झलक जाती है। बुधवार को ओयल के जिला अस्पताल में कमिश्नर डा. रोशन जैकब एक घायल बच्चे की गंभीर हालत देखकर वहीं फफक कर रो पड़ीं। उन्होंने रोते-रोते ही वहां मौजूद डीएम समेत अन्य अधिकारियों को बेहतर इलाज के दिशा-निर्देश दिए। कमिश्नर रोशन जैकब खुद एक बेटी की मां हैं, तभी उनके आंसुओं में एक मां का दर्द छुपाए न छुपा।
पीलीभीत बस्ती नेशनल हाईवे पर हुए सड़क हादसे में 10 लोगों की मौत और दो दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर पाकर कमिश्नर डा. रोशन जैकब भी लखीमपुर पहुंच गईं। उन्होंने ओयल स्थित जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। जिसके बाद वह दो दिन पहले शहर से सटे गांव वाजपेयी में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत और वहां भर्ती एक घायल बच्चे को देखने भी उसके बेड तक पहुंच गईं। उसकी हालत देख वह वहीं पर रो पड़ीं। बच्चे के प्रति उनकी संवेदना देख हर कोई उन्हें देखता ही रह गया।
पूरे कस्बे में मातम
कस्बा धौरहरा में दस लोगों की मौत की खबर ने मातम फैला दिया था। शाम होने तक इनमें से तीन सुरेंद्र, मन्नू और सगीर के शव भी उनके घर सरकारी वाहन से पहुंचाए जा चुके थे। शवों के पहुंचे ही उनके घरों से उठती चीत्कार की आवाजें किसी का भी कलेजा छलनी कर देने को काफी थीं। बाजार वार्ड निवासी मन्नू का तो अपना घर भी नहीं है। यह लोग सरकारी पानी की टंकी के नीचे रहते हैं। पिता मथुरा भी साथ ही घायल होकर अस्पताल में पड़ा है।
सुरेंद्र के घर में नहीं बचा कोई पुरुष
फत्तेपुरवा निवासी सुरेंद्र के घर में भी कोई पुरुष नहीं बचा। सब कुछ परिवार और मोहल्ले के लोगों पर निर्भर है। सगीर के परिवारीजन अंत्येष्टि के लिए शव लेकर निकले तो सैकड़ों गमगीन लोग साथ हो लिए। पठान वार्ड की अलीमुन निशा, बाजार वार्ड निवासी जितेंद्र, रामबट्टी की मासूम बेटी आर्या के शव शाम तक नहीं पहुंचे थे। इनके घरों में मोहल्ला गांव सब इकठ्ठा है। रोने बिलखने की आवाजें मजबूत कलेजे वालों को भी रुला रही हैं।