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सपा-बसपा की दोस्ती का असर, भगवा राज में गहरा हुआ नीला रंग

लखनऊ में आज नीले रंग के पोस्टर व बैनर की भरमार है। इसको देखकर तो लग रहा है कि प्रदेश में आंबेडकर जयंती के मौके पर समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी की दोस्ती और मजबूत होगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 12:32 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 12:33 PM (IST)
सपा-बसपा की दोस्ती का असर, भगवा राज में गहरा हुआ नीला रंग
सपा-बसपा की दोस्ती का असर, भगवा राज में गहरा हुआ नीला रंग

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश में भगवा राज में आज डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती पर समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी की दोस्ती का असर दिख गया है। प्रदेश में भगवा राज में भी आज लखनऊ में आम्बेडकर जयंती पर नीला रंग बेहद गहरा हो गया है। इतना गहरा तो यह रंग बसपा शासन में भी नहीं होता था जबकि समाजवादी पार्टी के शासन में भी सरकार सिर्फ औपचारिकता निभा देती थी।

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लखनऊ में आज समतामूलक चौराहा, गोमतीनगर के साथ ही डॉ. अम्बेडकर स्मारक, डॉ. अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल तथा मान्यवर कांशीराम ईको गार्डन के साथ ही शहर में लोहिया पथ के दोनों तरफ नीले रंग के पोस्टर व बैनर की भरमार है। यह पोस्टर तथा बैनर सिर्फ बसपा के नेताओं ने ही नहीं लगवाए हैं। इनको इस बार समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी लगवाया है।

इसको देखकर तो लग रहा है कि प्रदेश में आंबेडकर जयंती के मौके पर समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी की दोस्ती और मजबूत होगी। समाजवादी पार्टी ने सभी जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्षों को पत्र लिखकर कहा है कि 14 अप्रैल को आंबेडकर दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाए और बाबा साहेब के जीवन पर प्रकाश डाला जाएï। माना जा रहा है कि सपा-बसपा की गहरी होती दोस्ती के बीच 14 अप्रैल को ऐसा मौका आएगा जब दोनों पार्टियों को एक-दूसरे के और करीब आने का मौका मिलेगा। यह मौका आ गया और दोनों के बीच करीबी भी दिख रही है। माना जा रहा है कि जिले स्तर पर आयोजित कार्यक्रम के जरिए निचले स्तर पर सपा और बसपा काडर के बीच मेल-मिलाप करवाया जाएगा।

समाजवादी पार्टी व बसपा में नजदीकी आने के बाद अब दोनों पार्टियों की नजर मिशन 2019 पर है। दोनों पार्टियों के लिए यह पहला मौका होगा जब कार्यकर्ताओं के बीच बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के बहाने ही सही, लेकिन सकारात्मक संदेश दिया जा सके।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी खुद आज हजरतगंज में डॉ. आम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण का कार्यक्रम है। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। दोनों पार्टियां पहले ही कह चुकी है कि वो सियासी तौर पर किसी का मंच साझा नहीं करेगी, लेकिन साथ ही दोनों पार्टियां यह मैसेज देने की कोशिश कर रही है कि जमीनी स्तर पर सबकुछ ठीक है। सपा और बसपा जो रणनीति बना रहे हैं उससे यही संदेश देना चाह रहे हैं कि दोनों के रिश्ते पहले से बेहतर हुए हैं। 


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