कानपुर यूनिवर्सिटी से जुड़े चार जिले अब लखनऊ विवि से होंगे संबद्ध, 31 तक करना होगा आवेदन
सीतापुर हरदोई रायबरेली और लखीमपुर हो गए शामिल लविवि के कॉलेजों की संख्या 160 से बढ़ कर 650 होगी। नए कॉलेज और बीएड कॉलेजों को खोले जाने और कॉलेजों में नए विषयों की संबद्धता को लेकर ऑनलाइन आवेदन।
लखनऊ, जेएनएन। कानपुर की छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी से जुड़े चार जिलों की संबद्धता अब लविवि से हो गई है। ये जिले रायबरेली, हरदोई, लखीमपुर और सीतापुर हैं। जिनमें नए कॉलेज और बीएड कॉलेजों को खोले जाने और कॉलेजों में नए विषयों की संबद्धता को लेकर ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए गए हैं, ये आवेदन 31 दिसंबर तक किए जाएंगे। करीब साढ़े छह सौ नए कॉलेज इस नई व्यवस्था के तहत लविवि से जुड़ जाएंगे, फिलहाल विश्वविद्यालय से 160 कॉलेज जुड़े हुए हैं।
17 नवंबर को इस आशय का आदेश उच्च शिक्षा विभाग की ओर से किया गया था। इसलिए आगामी शिक्षा सत्र के लिए अनापत्ति एवं संबद्धता के प्रस्तावों के लिए ऑनलाइन निस्तारण किया जाएगा। जिसकी एनओसी के लिए वेबसाइट https:/henoc.upsdc.gov.in पर आवेदन करने होंगे। लविवि के उप कुलसचिव वीपी कौशल ने बताया कि सभी जिलों के कॉलेजों को निर्देशित किया है कि वे 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर के उसका प्रिंट आउट विश्वविद्यालय को उपलब्ध करवा दें। चार नए जिलों के जुड़े से लविवि से चार गुना कॉलेजों की संबद्धता हो जाएगी। अभी ये संख्या 160 के करीब है जो बढ़ कर छह सौ पचास के ऊपर चली जाएगी।
ऑडिट के जरिये सुधारी जाएगी 160 कॉलेजों की दशा
लविवि अपने संबद्ध 160 कॉलेजों का ऑडिट शुरू कराने जा रहा है, जिसमें कॉलेजों को अपने उपलब्ध संसाधनों की घोषणा करनी होगी। इसके बाद सभी संसाधनों के संबंध में कॉलेजों का भौतिक परीक्षण करवाया जाएगा। जहां भी संसाधनों की कमी होगी, उसको पूरा करवाया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। बख्शी का तालाब के गांव कमलापुर सिरसा में नोबल कॉलेज ने पढ़ाई-लिखाई बीच सत्र में बंद कर दी। इससे वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों पर मुसीबत आ गई। नोबल कॉलेज का ये मामला नजीर बन गया है, जिसके बाद लविवि प्रशासन के सामने ये चुनौती है कि कॉलेजों की सुविधाओं, कक्षाओं, फैकल्टी और अन्य सुविधाओं को परखा जाए। लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि हम सभी कॉलेजों का ऑडिट करवा रहे हैं, जिसमें विभिन्न वर्गों में उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं की घोषणा तय प्रारूप पर कॉलेज प्रबंधन को करनी होगी।