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लविवि अराजकता मामले में डीजीपी ओपी सिंह सख्त, सीओ का तबादला तथा चौकी इंचार्ज निलंबित

डीजीपी ओपी सिंह से आज दिन में कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह के साथ शिक्षक संघ ने भेंट की। इसके बाद डीजीपी ओपी सिंह ने सीओ महानगर अनुराग सिंह का तबादला कर दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 05:53 PM (IST)
लविवि अराजकता मामले में डीजीपी ओपी सिंह सख्त, सीओ का तबादला तथा चौकी इंचार्ज निलंबित
लविवि अराजकता मामले में डीजीपी ओपी सिंह सख्त, सीओ का तबादला तथा चौकी इंचार्ज निलंबित

लखनऊ (जेएनएन)। शैक्षिक माहौल बेहतर करने के प्रयास में लगे लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों पर हमले के मामले में डीजी उत्तर प्रदेश पुलिस ओपी सिंह भी काफी सख्त हो गए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में हुई अराजकता व गुंडई के प्रकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के इस प्रकरण के स्वत: संज्ञान लेने के बाद विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर एसपी सिंह के साथ शिक्षकों ने भी डीजीपी ओपी सिंह ने भेंट की। उन्होंने तत्काल ही एक्शन लिया। सीओ महानगर का तबादला करने के साथ ही विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज को निलंबित किया गया है।

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डीजीपी ओपी सिंह से आज दिन में कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह के साथ शिक्षक संघ ने भेंट की। इसके बाद डीजीपी ओपी सिंह ने सीओ महानगर अनुराग सिंह का तबादला कर दिया जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज पंकज मिश्रा को निलंबित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस प्रकरण के दोषी माने जा रहे छात्र आशीष मिश्रा बॉक्सर, अंकित सिंह बाबू व आयूष मिश्रा को जेल भेज दिया गया है।

वीसी के साथ ही शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से भेंट करने के बाद स्थानीय पुलिस की काफी शिकायत की। पुलिस की कार्यशैली से नाराज लविवि प्रशासन ने डीजीपी से सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की थी। इस दौरान आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही और गिरफ्तारी की उठाई मांग। इसके बाद डीजीपी ने इस पूरे प्रकरण की जांच के बाद और सख्त कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।

इस पूरे मामले की जांच आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय करेंगे। डीजीपी को बताया गया कि एसएससी के कई बार अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई, लेकिन उन्होंने इसको अनसुना कर दिया। शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान डीजीपी ओपी सिंह से साफ कहा कि अगर उचित न्याय न मिला तो वह लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट करेंगे।

लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों पर हमले के मामले का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ तथा न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले में कल इलाहाबाद हाईकोर्ट में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही डीजीपी ओपी सिंह तथा एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार की कल पेशी है।  

विश्वविद्यालय के साथ डिग्री कॉलेज भी बंद 

लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों के साथ मारपीट के विरोध में डिग्री कॉलेज भी बंद रहेंगे। लविवि सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज पाणडेय ने इसकी घोषणा की। शिक्षकों की स्टाफ कॉलेज में हुई आपात बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। आज रात तक सभी उपद्रवियों की गिरफ्तारी की मांग रखी गई है। अल्टीमेटम दिया है कि कार्रवाई न होने की स्थिति में शुक्रवार से कालेज बंद होंगे। उपद्रवियों छात्रों के साथ ही सहयोग न करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी रखी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रॉक्टोरियल टीम के सदस्यों को बुधवार को परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। उन पर पथराव भी हुआ । 12 से ज्यादा शिक्षक चोटिल हो गए। उपद्रवियों ने कुलपति प्रो. एसपी सिंह को भी नहीं बख्शा और उनके साथ भी बदसलूकी की गई। घटना के विरोध में विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ पूर्व छात्रों को नए शैक्षिक सत्र में दाखिला देने पर रोक लगाई है। इसके विरोध में सोमवार से विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन चल रहा है।


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