CM योगी आदित्यनाथ के तेवर तीखे, कहा- फाइल तीन दिन से अधिक रुकी तो नपेंगे अफसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि अगर कोई फाइल किसी के पास तीन दिन से अधिक रुकी तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी।
लखनऊ, जेएनएन। कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों में लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर तीखे हो गए हैं। पिछले दो दिन से आइएएस और आइपीएस अफसरों पर सख्ती के बाद सोमवार को योगी ने वरिष्ठ अफसरों से भी नाराजगी जताई। चेतावनी दी कि अगर कोई फाइल किसी के पास तीन दिन से अधिक रुकी तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के कार्यालय पर भी लागू होगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को लोकभवन में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र की पाइप पेयजल योजना की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव दफ्तर में भी तीन दिन में फाइलों का निस्तारण हो जाए। दरअसल, पौने दो साल बाद भी विभागीय औपचारिकताओं के पेच के कारण पाइप पेयजल का कार्य शुरू न होने से वह नाराज हो गए। योगी ने कहा कि यह बहुत ही महत्वाकांक्षी और जनहित से जुड़ी परियोजना है। फाइलों पर अफसरों की बार-बार की टिप्पणी ठीक नहीं है। अगर एक साथ सभी आपस में बैठ जाएं तो कुछ मिनटों में ही यह समस्या हल हो जाएगी।
योगी ने कहा कि अफसर काम को गति दें, बाधा न बनें। अगर आपसी बातचीत में कोई दिक्कत है तो मुख्य सचिव या मेरे कार्यालय के अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या का हल निकाल सकते हैं। जरूरत हो तो मुझे भी बता सकते हैं। योजना संबंधित विभाग मिलकर बनाएं और उनका निस्तारण एक साथ करें। यदि पत्रावली के निस्तारण में विलंब होता है तो उसका स्पष्ट कारण बताया जाए और बार-बार जानकारी न मांगकर एक बार में ही सभी शंका का समाधान किया जाए। माहभर पहले मैंने अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। एक दो दिन में फिर बैठक होगी। इस बार पूरी कार्ययोजना के साथ बैठक में आएं।
हर हफ्ते दिल्ली जाने वाले अफसरों की जरूरत नहीं
कई अधिकारी शुक्रवार को दिल्ली चले जाते हैं और कई दिन बाद लौटते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हफ्ते दिल्ली जाने वाले अधिकारियों की मुझे कोई जरूरत नहीं है। योगी ने कहा कि कुछ तो शुक्रवार से मंगलवार तक दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जाते हैं। अगर किसी का वहां और यहां आवास हो तो दिल्ली का आवास छोड़ दें। सरकारी सुविधा एक ही जगह मिलती है। बैठक में ग्राम विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह समेत कई प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने अब तक की प्रगति रिपोर्ट दी और कहा कि इस्टीमेट तैयार करने के लिए चार संस्थाओं का चयन किया गया है।
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