Honor Ceremony in Lucknow: सीएम योगी ने खेलों में खींची बड़ी लकीर, ओलिंपिक पदक विजेताओं और प्रतिभागी खिलाड़ियों को सम्मानित कर पेश किया बड़ा उदाहरण
Honor Ceremony in Lucknowप्रदेश सरकार ने ओलिंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों प्रशिक्षकों और सपोर्ट स्टाफ के लिए जिस तरह से खजाना खोला उसने एक बड़ा संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा भी एक खिलाड़ी जब ओलिंपिक में जाता है तो वह देश का प्रतिनिध होता है।
लखनऊ, [अम्बिका वाजपेयी]। प्रदेश सरकार ने ओलिंपिक पदक विजेता खिलाडिय़ों, प्रशिक्षकों और सपोर्ट स्टाफ के लिए जिस तरह से खजाना खोला, उसने एक बड़ा संदेश दिया। योगी सरकार के इस कदम ने ऐसे समय में एक बड़ी लकीर खींची है जब खेलों में भी कुछ सियासतदानों ने प्रांतवाद का पाला खींचने की कोशिश की। पिछले दिनों एक राजनेता ने हाकी टीम को एक राज्य में बांधते हुए बधाई दी थी तो खासी किरकिरी हुई थी।
अब तक खेलों में सफलता हासिल करने पर विभाग, केंद्र सरकार, खेलसंघों और उनकी राज्य सरकारों से पुरस्कार मिलते थे लेकिन पहली बार ओलिंपिक जैसे इवेंट में भाग लेकर लौटे सभी खिलाडिय़ों पर किसी प्रदेश सरकार ने धनवर्षा की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा भी एक खिलाड़ी जब ओलिंपिक में जाता है तो वह देश का प्रतिनिध होता है। प्रदेश सरकार ने खेलों में सियासत करने वालों का विकेट उखाडऩे के साथ ही दूसरों के सामने एक नजीर भी पेश की। खिलाड़ियों ने भी सरकार की इस पहल पर मुहर लगाते हुए सियासी पाला खींचने वालों को आईना दिखा दिया। ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा, यह एक प्रदेश का नहीं, पूरे देश का इवेंट लग रहा है।
यहां इतने लोगों को देखकर अभिभूत हूं, इतना नर्वस तो मैं ओलिंपिक में भी नहीं हुआ। शटलर पीवी सिंधु और पहलवान बजरंग पूनिया ने इसे एक उदाहरण बताते हुए मुख्यमंत्री का आभार जताया। देश के नायकों को अपने जेहन और कैमरे में कैद कर रहे 75 जिलों के युवा खिलाड़ियों के जयघोष ने खेलों में प्रांतवाद की आवाज दबा दी। यह सच है कि एक खिलाड़ी जब मैदान में उतरता है तो वह किसी जाति, धर्म और प्रांत का नहीं देश का होता है, इस आयोजन ने यह बात समझाने के साथ ही यह भी संदेश दिया कि अपने नायकों का सम्मान करना सीखिए...क्योंकि जनता मैदान में मेडल देखती है मजहब नहीं।