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    हमारी मांगें पूरी करो, चाहे जो मजबूरी हो... ऐसे नारों ने छीना शहरों का उजाला; CM योगी ने ऐसा क्यों कहा

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 06:51 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को उद्यमिता कौशल विकास और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि केवल लोकलुभावन नारों से समाज का भला नहीं होता। उन्होंने कानपुर और कोलकाता का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे ऐसे नारों ने शहरों का उजाला छीन लिया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे केवल भावनाओं में बहकर अंधभक्त न बनें बल्कि सही और गलत में फर्क करना सीखें।

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    बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में CM योगी। जागरण

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस और डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें उद्यमिता, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया।

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    उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का सपना था कि हर नागरिक शिक्षित, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बने। केंद्र और राज्य सरकारें इसी लक्ष्य को लेकर विभिन्न योजनाएं चला रही हैं।

    मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में चेताया कि केवल लोकलुभावन नारों से समाज का भला नहीं होता। उन्होंने कहा, हमारी मांगे पूरी करो, चाहे जो मजबूरी हो... जैसे नारे जितने सुनने में आकर्षक लगते हैं, उतने ही खतरनाक प्रभाव छोड़ते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कानपुर है, जो कभी देश के चार प्रमुख औद्योगिक शहरों में गिना जाता था।

    उन्होंने कहा, कानपुर टेक्सटाइल उद्योग का गढ़ था, वहां रोजगार था, पहचान थी। लेकिन जैसे-जैसे ऐसे नारे लगने शुरू हुए, वहां की उद्योग ध्वस्त हो गईं, रोजगार समाप्त हो गया और निवेशक भागने लगे। जो कभी रोजगारदाता थे, वो या तो दूसरे राज्यों में चले गए या विदेशों में बस गए और स्थानीय लोग ठेले लगाने को मजबूर हो गए। उन्होंने कोलकाता का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी यही हश्र हुआ।

    मुख्यमंत्री ने युवाओं से आग्रह किया कि वे केवल भावनाओं में बहकर 'अंधभक्त न बनें, बल्कि सही और गलत में फर्क करना सीखें। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने हमेशा तर्क, संविधान और विवेक के आधार पर निर्णय लेने की बात कही थी। उनके विचारों से सीख लेकर युवा आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें।

    उन्होंने विश्वविद्यालय को प्रदेश के 75 जिलों के एक जनपद, एक उत्पाद योजना के उत्पादों के लिए शोकेस सेंटर के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। साथ ही यहां स्किल सेंटर और रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की भी आवश्यकता बताई।

    उन्होंने कहा कि यह केंद्र युवाओं को न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार देगा, बल्कि उन्हें अन्य राज्यों और देशों में भी अवसर प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय से उम्मीद जताई कि वह अकादमिक गुणवत्ता में और सुधार करे और भविष्य में उसकी पहचान भी विश्वस्तरीय संस्थानों जैसे कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों की तरह बने।

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