Ayodhya News: अयोध्या में मंदिर से गायब हो गई सीएम योगी आदित्यनाथ की मूर्ति, मंदिर बनवाने वाला भी लापता
Yogi Adityanath Mandir In Ayodhya अयोध्या में सरकारी भूमि पर सीएम योगी आदित्यनाथ के मंदिर निर्माण के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। मंदिर से सीएम योगी की मूर्ति ही गायब हो गई। मंदिर बनवाने वाला प्रभाकर मौर्य भी लापता हो गया है।
UP News: अयोध्या, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बने जिस मंदिर ने सुर्खियां बटोरी थी, उस मंदिर से उनकी मूर्ति गायब होने की बात सामने आ रही है। मंदिर बनवाने वाला शख्स भी लापता हो गया है। उसका मोबाइल फोन स्विच्ड आफ है। पुविस को इस बात की जानकारी नहीं कि मूर्ति कौन ले गया, वहीं गांव के लोगों का कहना है कि रविवार कुछ लोग गाड़ी से आए और मूर्ति उठाकर ले गए। उन्होंने मंदिर के गेट पर ताला भी लगा दिया।
सरकारी जमीन पर मंदिर का निर्माण
अयोध्या के पूराकलंदर थाना के कल्याण भदरसा ग्राम पंचायत के मजरा मौर्या का पुरवा में सीएम योगी आदित्यनाथ की मूर्ति स्थापित की गई थी। सरकारी जमीन पर इस मंदिर के निर्माण होने के बाद विवाद खड़ा हो गई थी। रविवार को पैमाइश करने गई टीम से पहले उस मंदिर से मुख्यमंत्री की मूर्ति हटा दी गई। प्रतिमा हटने की पुष्टि पूराकलंदर थाना के प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह करते हैं लेकिन किसने हटाई इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। मंदिर में ताला लगा है।
लेखपाल को पैमाइश करने का आदेश
बंजर की भूमि पर मुख्यमंत्री का मंदिर बनाकर सरकारी भूमि पर कब्जा करने की शिकायत प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य ने 21 सितंबर को मुख्यमंत्री से की थी। प्रभाकर ने ही मुख्यमंत्री का मंदिर निर्माण करा पूजन अर्चन शुरू किया है। सरकारी जमीन पर मंदिर निर्माण का विवाद बढ़ने के बाद एसडीएम सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने राजस्व निरीक्षक एवं हल्का लेखपाल को पैमाइश करने का आदेश दिया।
पैमाइश करने गई टीम को नहीं मिला प्रभाकर मौर्य
रविवार को पैमाइश करने टीम पहुंची। बरसात की वजह से पैमाइश न होने की जानकारी तहसीलदार पवन कुमार गुप्त ने दी। तहसीलदार ने बताया सोमवार को पैमाइश होगी। विवाद के बाद प्रभाकर मौर्य भी पैमाइश करने गई टीम को नहीं मिला। उसका मोबाइल स्विच आफ बता रहा था।
शिकायत के बाद जमीन की पड़ताल हुई शुरू
जिस भूमि पर मंदिर का निर्माण कराया गया है, दबी जुबान तहसील कर्मी उसे कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज का बता रहे हैं। चर्चा है कि रामनाथ मौर्य की शिकायत के बाद लखनऊ से जब मंदिर वाली जमीन की पड़ताल शुरू हुई तो प्रशासनिक अमला भी हरकत में आया। रविवार की छुट्टी होने के बावजूद पैमाइश करने पहुंची टीम को बारिश के चलते लौटना पड़ा।