श्रावस्ती में 48 गोवंश की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने मांगी रिपोर्ट, प्रमुख सचिव को दिया जांच का निर्देश
गोशालाओं में चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार देते रहे हैं। इसके बावजूद तमाम गोशालाएं बदहाल हैं। श्रावस्ती की गोशाला में दो माह में 48 गोवंश की मौत का मामला जागरण ने उजागर किया जिस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। गोशालाओं में चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार देते रहे हैं। इसके बावजूद तमाम गोशालाएं बदहाल हैं। श्रावस्ती की गोशाला में दो माह में 48 गोवंश की मौत का मामला 'जागरण' ने उजागर किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रमुख सचिव पशुपालन को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
श्रावस्ती के गिलौला ब्लाक की ग्राम पंचायत गुजरवारा के पिपरी गांव स्थित गोशाला के अभिलेख में 13 मई, 2021 को 93 गोवंश जीवित दर्ज किए गए। गोशाला में चारा व भूसा का प्रबंध न होने की जानकारी व्यवस्था देख रहे कर्मी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी को देते रहे। इसके बावजूद अधिकारी हरकत में नहीं आए। सोमवार को जागरण की टीम गोशाला पहुंची तो वहां सिर्फ 45 गोवंश ही जीवित मिले। दो माह में 48 गोवंश का मामला मंगलवार के अंक में 'जागरण' ने उजागर किया।
मुख्यमंत्री योगी ने इसे बेहद गंभीरता से लिया। टीम-9 की बैठक में अखबार की प्रति लेकर पहुंचे। उन्होंने गोशाला में ऐसी अव्यवस्था पर नाराजगी जताई। प्रमुख सचिव पशु पालन को निर्देश दिया कि इस मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जो भी गोवंशों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि गोवंश की चिंता करते हुए ही सरकार ने सभी जगह गोशाला की व्यवस्था की है। लगातार वह उच्चस्तरीय बैठकों में इस पर जोर देते रहे हैं कि गोशाला में चारा-पानी का पूरा प्रबंध होना चाहिए। संबंधित अधिकारी लगातार गोशालाओं का निरीक्षण करें।
ईको-टूरिज्म बढ़ाने के लिए वन व पर्यटन विभाग मिलकर करें काम : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण का विषय वर्तमान में सबसे प्रमुख विषयों में से एक है। वन सेवा के अधिकारी इससे सर्वाधिक निकट से जुड़कर कार्य करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए वनावरण बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईको-टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। इसे बढ़ाने के लिए वन एवं पर्यटन दोनों विभागों को मिलकर कार्य करें। मानव एवं वन्यजीव संघर्ष कम करने की दिशा में प्रयास किए जाने की जरूरत है।