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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, आपातकाल थोपने वाले दे रहे लोकतंत्र की दुहाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इशारे-इशारे में कांग्रेस तथा विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज तो आपातकाल थोपने वाले लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 11:57 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 12:40 PM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, आपातकाल थोपने वाले दे रहे लोकतंत्र की दुहाई
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, आपातकाल थोपने वाले दे रहे लोकतंत्र की दुहाई

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज आपातकाल दिवस पर अलग ही मूड में थे। लखनऊ के गन्ना संस्थान के प्रेक्षागृह में संस्कार भारती के सम्मान समारोह में उनके निशाने पर आपालकाल का दौर था।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समारोह में बिना किसी का नाम लिए इशारे-इशारे में कांग्रेस तथा विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस देश के अंदर किस प्रकार की स्थितियां हैं, आज तो आपातकाल थोपने वाले लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं। यह दिख भी रहा है कि जो जितना बड़ा भ्रष्टाचारी है वह सदाचार का प्रवचन कर रहा, जो जितना बड़ा जातिवादी है वह सामाजिक न्याय की बात कर रहा और जो जितना बड़ा साम्प्रदायिक है वह मानवतावादी होने का प्रवचन कर रहा है। इन विरोधाभासी स्तिथियों का जवाब देने की तैयारी करनी होगी अन्यथा हम भी इसकी भुक्तभोगी होंगे। आज के ही दिन 1975 के देश पर आपातकाल थोपा गया, जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया उन्होंने आपातकाल सहा है। आरएसएस के दो वरिष्ठ प्रचारकों को सम्मान मिलना गर्व की बात, व्यक्ति के सम्मान से संस्थान भी सम्मानित होता है। कला और शिक्षा के क्षेत्र में बाबा योगेंद्र और ब्रह्मदेव ने पूरा जीवन समर्पित किया है, शिक्षा राष्ट्रीयता से ओतप्रोत हो ये लक्ष्य हमारा होना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने गन्ना संस्थान के प्रेक्षागृह में संस्कार भारती के एक कार्यक्रम में पद्श्री बाबा योगेन्द्र और ब्रह्म देव भाई जी के अभिनंदन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमने संस्कार भारती से अनुरोध किया है कि कुंभ को कला कुंभ बनाए। राष्ट्र बिना संस्कृति और संस्कृति बिना संस्कार के नहीं हो सकती। केवल नाच गाना ही कला नहीं है उसमें निहित संस्कार भी महत्वपूर्ण है। इलाहाबाद के कुंभ में 12-15 करोड़ लोग आएंगे। दुनिया के 192 देश के प्रतिनिधि बुलाने की तैयारी है ऐसे में कला के सभी पक्ष भी वहां प्रदर्शित हो।

उन्होंने कहा कि देश प्रदेश के विभिन्न बोर्ड क्या शिक्षा दे रहे थे और क्यों दे रहे थे सबको पता है। राष्ट्र गीत गाने का सबको अवसर मिला है लेकिऩ इसे गाने की परम्परा बनाये रखने में विद्या भारती का अहम योगदान है। 


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