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UP Budget Session 2022: विधानसभा में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, चूहा कहे जाने से राष्ट्र्रवादी कहलाना बेहतर

UP Budget Session 2022 अखिलेश यादव पर हमला जारी रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने कोरोना टीका नहीं लगवाया और बहुतेरों को गुमराह भी किया। टीका भाजपा का नहीं देश का होता है। देश के लिए हमें दलीय मतभेदों से ऊपर उठना होगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 08:18 PM (IST)
UP Budget Session 2022: विधानसभा में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, चूहा कहे जाने से राष्ट्र्रवादी कहलाना बेहतर
यूपी विधानसभा में बोले मुख्यमंत्री- समाजवाद अब हुआ अमानवीय, प्रदेश रामराज्य का पक्षधर।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर योगी सरकार की ओर से लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधान मंडल में पारित हो गया। इससे पहले विधानसभा में धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की ओर से लाये गए संशोधन प्रस्ताव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया।

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सामने बैठे अखिलेश से मुखातिब सीएम योगी ने कहा कि आप हम पर राष्ट्र्रवादी होने का लेबल लगाते हैं। राष्ट्र्रवादी कहे जाने से हमें गर्व की अनुभूति होती है क्योंकि राष्ट्रवादविहीन व्यक्ति की स्थिति उस चूहे जैसी होती है जो जिस घर का अन्न खाता है, उसकी नींव में छेदकर उसे धंसाने का काम करता है। चूहा कहे जाने से राष्ट्रवादी कहलाना श्रेयस्कर है।

सीएम योगी यहीं नहीं रुके, बोले कि समाजवाद को आप लोगों ने मृगतृष्णा बना दिया है। समाजवाद अमानवीय हो गया है। प्रदेश अब रामराज्य का पक्षधर हो गया है। नेता प्रतिपक्ष की ओर से अपनी सरकार के कामकाज के बखान का जवाब देते हुए योगी ने शेर सुनाया-

  • "नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं,
  • जमीं पर सितारों की बात करते हैं,
  • वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले,
  • भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं।"

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभिमान तब होता है जब आपको लगता है कि आपने कुछ किया है। सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है कि आपने कुछ किया है। भाजपा को मिला जनादेश उसी सम्मान का प्रतीक है। हम अपने कामकाज का ढिंढोरा नहीं पीटते। तमाम अफवाहों को दरकिनार कर 37 वर्षों के बाद प्रदेश में कोई सरकार फिर से आई है और धमाकेदार ढंग से अपना काम कर रही है।

कानून व्यवस्था पर घेरा : कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक साजिश के तहत पीएसी की 54 कंपनियां खत्म कर दी गईं। सवाल किया कि पीएसी होती तो क्या मुजफ्फरनगर और बरेली में महीनों तक कर्फ्यू लगा रहता? यह भी कहा कि 2016-17 में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली थे। हमने पारदर्शी तरीके से पुलिस में 1.54 लाख भर्तियां की। उत्तर प्रदेश अब दंगामुक्त हो चुका है।

घोटालों की श्रृंखला : नौकरियों पर सपा सरकार को घेरते हुए उन्होंने उसके कार्यकाल में भर्ती से जुड़े आयोगों व बोर्ड में भर्तियों में हुईं धांधलियों का उल्लेख किया। जल निगम व सहकारिता विभाग भर्ती घोटालों, रिवर फ्रंट घोटाला, खनन घोटाला और खाद्यान्न घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि सपा सरकार में घोटालों की लंबी श्रृंखला रही है। यह भी बताया कि अपने पहले कार्यकाल में समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया था कि श्रावस्ती के 120 परिषदीय स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं था।

श्रमिकों को समस्या मानती थी पिछली सरकारें : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारें श्रमिकों को समस्या मानती थीं जबकि हम उनकी समस्याओं के समाधान पर चिंतन करते हैं। समस्याओं के दो ही समाधान होते हैं- 'भाग लो', 'भाग लो'। एक 'भाग लो' का मतलब है समस्या से भागना जो आपने किया और दूसरे से आशय है चुनौती को स्वीकार करना, जो हमने किया। इसलिए श्रमिक हमारे साथ मजबूती से खड़े रहे और आपका पलायन करा दिया।

हमें शौचालय निर्माण में महारत : अखिलेश की ओर से किये गए कटाक्ष के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि हां, हमें शौचालय बनाने में महारत हासिल है क्योंकि शौचालय गरीबों के सम्मान के साथ बहू-बेटियों की सुरक्षा का माध्यम बने। इनके निर्माण से जापानी इन्सेफेलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी पर काबू पाने में मदद मिली।

भाजपा नहीं, देश का टीका : अखिलेश यादव पर हमला जारी रखते हुए सीएम योगी ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने कोरोना टीका नहीं लगवाया और बहुतेरों को गुमराह भी किया। टीका भाजपा का नहीं, देश का होता है। देश के लिए हमें दलीय मतभेदों से ऊपर उठना होगा। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में सत्ता पक्ष के 67 और विपक्ष के 50 समेत कुल 167 सदस्यों ने भाग लिया।

ममता पर निशाना साधा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। यह कहते हुए कि विधानसभा चुनाव में सपा के समर्थन के लिए बंगाल से दीदी आई थीं। बंगाल में विधान सभा चुनाव बाद हिंसा की 12000 से अधिक घटनाओं, 57 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और 123 महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार हुए। वहीं उप्र में लोक सभा, विधान सभा, स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए।


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