Ayodhya Ram Mandir News: अब रामलला भी पहनेंगे खादी के वस्त्र, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अर्पित किए वस्त्र
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि रामलला के यह वस्त्र खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सहयोग से तैयार कराए गए हैं जो कि प्रभु को अर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर डिजाइनर मनीष को सौंप दिए।
लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। Ayodhya Ram Mandir News: वसंत ऋतु के खुशनुमा मौसम के साथ ही रामलला की पोशाक भी बदलने जा रही है। प्रभु राम सहित माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी जाने-माने फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा डिजाइन किए गए खादी सिल्क के वस्त्र धारण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से डिजाइनर द्वारा वसंत पंचमी पर मंगलवार को यह वस्त्र अयोध्या में रामलला को अर्पित किए जाएंगे। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि रामलला के यह वस्त्र खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सहयोग से तैयार कराए गए हैं, जो कि प्रभु को अर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर डिजाइनर मनीष को सौंप दिए। बॉलीवुड कलाकारों के लिए ड्रेस डिजाइन करते रहे मनीष त्रिपाठी मूल रूप से अंबेडकरनगर के निवासी हैं, लेकिन ज्यादा समय लखनऊ में ही रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यहां रहने की वजह से प्रभु राम की नगरी अयोध्या से गहरा लगाव रहा है। पिछले दिनों अवधनगरी गए तो मन में ख्याल आया कि प्रभु राम के लिए खादी के वस्त्र डिजाइन किए जाएं। इसके पीछे सोच यही थी कि खादी एकमात्र एथिकल फैब्रिक है।
यह प्रभु को धारण कराने से खादी का प्रचार-प्रसार होगा। चूंकि भगवान से सभी की आस्था जुड़ी है, इसलिए इस तरह से खादी की स्वीकार्यता भी बढ़ेगी, जिससे खादी वस्त्रोद्योग से जुड़ी महिलाओं को भी काम मिलेगा। वह कहते हैं कि देश में हजारों-लाखों मंदिर हैं। यदि अयोध्या की तरह वहां सभी स्थलों पर भी खादी के वस्त्रों का प्रयोग शुरू होगा तो खादी को बढ़ावा मिलेगा।
श्रीराम एयरपोर्ट के विकास को सौ करोड़ और मिले
राजकीय हवाई पट्टी को श्रीराम एयरपोर्ट में तब्दील करने के लिए किसानों से दूसरे चरण की भूमि खरीदने के लिए प्रदेश सरकार से सौ करोड़ रुपये और मिले हैं। 525 करोड़ रुपये इससे पहले जिला प्रशासन को मिल चुके हैं। दोनों धनराशि मिलाकर 625 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। इसमें से लगभग 450 करोड़ रुपये किसानों की सहमति से खरीदी गई भूमि के मुआवजे के रूप में वितरित किये जा चुके हैं। दो चरणों में एयरपोर्ट विकास के लिए किसानों से भूमि खरीदने के लिए लगभग एक हजार करोड़ खर्च का आकलन है। अभी लगभग चार सौ करोड़ रुपये प्रदेश सरकार से और मिलने हैं। एडीएम कानून व्यवस्था व प्रभारी विशेष भूमि अध्याप्ति जेपी ङ्क्षसह के अनुसार शेष धनराशि भी जल्दी मिलने की संभावना है।
आठ राजस्व गांव जनौरा, गंजा, धर्मपुर सहादत, फिरोजपुर, कुसमाहा, सरेठी, पूरा हुसैन खां व नंदापुर के किसानों से लगभग 234 एकड़ भूमि अभी खरीदी जानी है। दो चरणों के विकास के लिए लगभग 600 एकड़ में से करीब 450 एकड़ भूमि किसानों की है। अवशेष भूमि सार्वजनिक बतायी गई है। पहले चरण में एटीआर-72 विमानों को लैंड करने के लिए दो किमी का रनवे चाहिए जिसमें डेढ़ किमी का रनवे पहले से मौजूद है। दूसरे चरण में ए-321 विमानों का संचालन किया जाना है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंंह करोला प्रस्तावित एयरपोर्ट का निरीक्षण करने जनवरी के अंतिम सप्ताह में आये थे। उसी के बाद आई तेजी में 100 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने किसानों से जमीन खरीदने के लिए और अवमुक्त किये हैं।