Lakhimpur Case: सीएम योगी ने दिए पीड़ित परिवार को 25 लाख व घर-जमीन देने के निर्देश, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई
Lakhimpur Kheri Murder Case मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड में पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता एक आवास एवं कृषि भूमि का पट्टा दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
UP Dalit Sisters Murder Case: लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में में (Lakhimpur Kheri Nighasan) दो दलित बहनों के पेड़ से लटके शव मिलने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने पीड़ित के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक आवास एवं कृषि भूमि का पट्टा दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने हत्या के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में देकर एक माह के भीतर अभियुक्तों को सजा दिलाने का भरोसा भी पीड़ित परिवार को दिया गया है।
लखीमपुर खीरी के निघासन में दो सगी बहनों को अगवा कर हत्या की वारदात को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। उन्होंने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया है कि हत्या के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर दोषियों काे एक माह में सजा सुनिश्चित कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मामले में पुख्ता साक्ष्य संकलन के साथ ही प्रभावी पैरवी का कड़ा निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने ली पल-पल की जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले की निगरानी करते रहे। गोरखपुर दौरे अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच उन्होंने देर शाम आला अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। इसके बाद बिना देरी किए पुलिस को मामले में एक्शन लेने की छूट दी। स्पष्ट निर्देश दिए गए कि प्रदेश की बेटियों के साथ हुई इस ह्दय विदारक घटना को अंजाम देने वाला कोई भी अपराधी बचना नहीं चाहिए। सभी को 24 घंटे के अंदर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने मृतक बेटियों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की।
सगी बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या में छह गिरफ्तार
लखीमपुर में दो सगी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या प्रकरण में पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें से एक आरोपित की गिरफ्तारी मुठभेड़ के बाद हुई, जिसके पैर में गोली लगी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है और उनकी गला कसकर हत्या की गई थी। आरोपितों में पांच मुस्लिम हैं। देर शाम दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रशासन ने शुक्रवार को किशोरियों की मां के खाते में 16 लाख रुपये जमा करने के साथ ही पीड़ित परिवार को प्रधानमंत्री आवास देने की घोषणा की है। नौकरी एवं अनुमन्य अन्य आर्थिक सहायता के लिए शासन को लिखा जाएगा।
अंतिम संस्कार न कराने की जिद पर अड़ा था परिवार
पोस्टमार्टम के बाद घरवालों ने दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार करने से तब तक इन्कार कर दिया जब तक उनकी मांगें पूरी न हो जाएं। उनकी मांग थी कि परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, एक आवास और एक सरकारी नौकरी दी जाए, जिस पर घंटों प्रशासन परिवार को समझाता रहा। आखिरकार देर शाम प्रशासन को सफलता मिली। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि परिवार को आश्वस्त किया गया है कि उनकी वाजिब मांगें मानी जाएंगी। परिवार ने स्वेच्छा से अंतिम संस्कार कर दिया है। इससे पहले जिला मुख्यालय पर डा. राजेंद्र, डा. ओवैस अहमद और डा. अर्चना के पैनल ने गुरुवार को दोनों शवों के पोस्टमार्टम किए। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई।
यह भी पढ़ें : दो बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या, 15 घंटे और गिरफ्त में छह आरोपी, यहां पढ़ें पूरी टाइमलाइन
मानवाधिकार और एससीएसटी आयोग ने मांगी रिपोर्ट
घटना पर राज्य मानवाधिकारी आयोग और अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग ने रिपोर्ट तलब की है। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बाल कृष्ण नारायण ने एसपी, लखीमपुर से तीन दिन में घटना की जांच कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। आयोग अध्यक्ष ने कहा है कि यह प्रकरण प्रथमदृष्टया मानवाधिकार के हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतीत होता है। इसी तरह एससी-एसटी आयोग ने पूरे मामले की रिपोर्ट जिला प्रशासन से तलब की है।
यह भी पढ़ें : सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन, पल-पल की लेते रहे जानकारी