CM Yogi Adityanath: बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के किसानों को मिलेगा मुआवजा, शासन ने भेजी 876 करोड़ की धनराशि
Flood Effected Districts of UP- CM Yogi Adityanath इस वर्ष प्रदेश के कई जिलों में सूखे और भारी बारिश व बाढ़ की स्थिति से खेती को हुए नुकसान के प्रति सरकार संवेदनशील है और किसानों को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
लखनऊ, जेएनएन। Help for Farmers of Flood Effected Districts: उत्तर प्रदेश सरकार ने सूखा प्रभावित 62 जिलों (Drought Effected Districts) के साथ ही साथ बाढ़ प्रभावित जिलों के किसानों की भी सुध ली है। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyaya) की जयंती पर बाढ़ के प्रभावित 12 जिलों के किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सहायता उपलब्ध करा दी है।
उत्तर प्रदेश शासन ने बाढ़ से प्रभावित 12 जिलों में किसानों को मुआवजा देने के लिए 876 करोड़ की धनराशि को जिलों में भेजा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है। हमको उसकी काफी चिंता भी है। हमने बाढ़ प्रभावित 12 जनपदों में किसानों को मुआवजा देने के लिए 876 करोड़ रुपये भेजे हैं।
इससे पहले भी 62 जनपदों में समय पर बारिश नहीं हुई। उन जनपदों में सरकार किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं आज तो हम कुछ किसानों को ट्रैक्टर भी उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे कि यह कम समय में अधिक और उन्नत उपज का उत्पादन करने में सफल हों।
प्रदेश में सूखे का भी सर्वे जारी, किसानों को मिलेगा मुआवजा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस साल 62 जिलों में समय पर बारिश नहीं हुई। इन जिलों में किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जियों के बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले दस दिनों में अत्यधिक बारिश के कारण भी किसानों को नुकसान हुआ है। 12 जिलों में बाढ़ से खेती का नुकसान हुआ। इन जिलों में मुआवजे के लिए 876 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। सूखे का भी सर्वे हो रहा है। इसका भी हम मुआवजा देंगे उन्होंने किसानों से अपील की कि वह लोग जागरूक हों और सरकार की योजनाओं का लाभ लें।
सरकार हर संकट में अन्नदाता के साथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन की सरकार संकट में सदैव अन्नदाताओं के साथ खड़ी रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश के कई जिलों में सूखे और भारी बारिश व बाढ़ की स्थिति से खेती को हुए नुकसान के प्रति सरकार संवेदनशील है और किसानों को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से किसानों की आय दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की।
कोरोना काल में भी दिया किसानों का पूरा साथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की संवेदनशीलता की कसौटी विपत्ति के समय नागरिकों का संबल बनकर उनके साथ खड़ा होने से समझी जा सकती है। डबल इंजन की सरकार इस कसौटी पर खरी उतरी है। कोरोना आपदा में जब सभी सेक्टर ठप हो गए थे तो कृषि क्षेत्र ही सदी की सबसे भयानक महामारी के सामने तन कर खड़ा रहा। सरकार ने भी यह सुनिश्चित किया कि खेतों में खड़ी गेहूं की फसल सुरक्षित तरीके से कटाई के बाद धान क्रय केंद्रों तक पहुंच सके। उसने प्रदेश की 119 चीनी मिलों को चालू रख कर गन्ना किसानों का भी साथ दिया। यह अन्नदाताओं के परिश्रम और पुरुषार्थ का ही परिणाम था कि कोरोना महामारी में भुखमरी से एक भी मौत नहीं हुई।
पीएम मोदी की पहल पर मृदा परीक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर प्रदेश में पहली बार मृदा परीक्षण शुरू हुआ। किसानों की फसलों का बीमा होने लगा। राज्य सरकार ने दशकों से लंबित अधूरी सिंचाई परियोजनाएं पूरी कर 21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित की। सत्ता में आते ही लघु सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक के ऋण माफ किए। सही मायनों में पहली बार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मोदी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद ही मिला।
सोलर पंप वितरण का कार्यक्रम भी जारी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक हम 27000 किसानों को सोलर पंप दे चुके हैं। 30,000 किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने के कार्यक्रम का आज शुभारंभ हो गया। किसानों के लिए हम बिजली के बिल को पहले ही आधा कर चुके हैं। सोलर पंप के इस्तेमाल से यह बिल शून्य हो जाएगा।
- Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 25 Sep 2022
किसान करेें गौ आधारित प्राकृतिक खेती
मुख्यमंत्री ने किसानों को गौ आधारित प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इससे खेती की लागत कम होगी, उत्पादन भी बढ़ेगा। बाजार में कृषि उपज के ज्यादा दाम भी मिलेंगे। भारतीय नस्ल के गोवंश का संरक्षण होगा और भावी पीढिय़ों को हम बीमारियों से बचाएंगे। गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सरकार भी प्रोत्साहन देगी।