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सीएम योगी ने की घोषणा- स्कूलों में मनेगा साहिबजादा दिवस, पाठ्यक्रम में शामिल होगा गुरुओं का इतिहास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस मनाने की पहल की है। उन्होंने घोषणा की है कि अब प्रदेश के हर स्कूल में प्रतिवर्ष साहिबजादा दिवस मनाया जाएगा। साथ ही सिख गुरुओं का इतिहास पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 06:40 AM (IST)
सीएम योगी ने की घोषणा- स्कूलों में मनेगा साहिबजादा दिवस, पाठ्यक्रम में शामिल होगा गुरुओं का इतिहास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस मनाने की पहल की है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। सिख समाज को भक्ति, शक्ति, पुरुषार्थ और परिश्रम में अग्रणी बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस मनाने की पहल की है। गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी को नमन करते हुए सीएम योगी ने घोषणा की है कि अब प्रदेश के हर स्कूल में प्रतिवर्ष साहिबजादा दिवस मनाया जाएगा। साथ ही, सिख गुरुओं का इतिहास पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर रविवार को साहिबजादा दिवस पर आयोजित गुरुबाणी कीर्तन में सीएम योगी आदित्यनाथ समेत सरकार के अन्य मंत्री शामिल हुए। सीएम योगी ने कहा कि साहिबजादा दिवस सिख समाज और प्रदेशवासियों के लिए गौरव का दिन है। आज एक नया इतिहास बन रहा है। गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों सुपुत्रों- साहिबजादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सामूहिक रूप से साहिबजादा के तौर पर संबोधित किया जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने पुत्रों को समर्पित करते हुए दुखी न होकर पूरे उत्साह के साथ कहा था कि चार नहीं तो क्या हुआ, जीवित कई हजार। सिख गुरुओं ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया, जिसे देश सदैव याद रखेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुबाणी कीर्तन हम सबको देश और धर्म के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देता है। इतिहास को विस्मृत करके कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता है। सिख इतिहास पढऩे पर पता चलता है कि विदेशी आक्रांताओं ने जब भारत के धर्म और संस्कृति को नष्ट करने, भारत के वैभव को पूरी तरह समाप्त करने को एकमात्र लक्ष्य बना लिया था, तब गुरु नानक जी ने भक्ति के माध्यम से अभियान शुरू किया और कीर्तन उसका आधार बना।

इस अवसर पर सीएम योगी ने घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष 27 दिसंबर को सभी स्कूलों में साहिबजादा दिवस मनाया जाएगा। इस दिन स्कूलों में सिख गुरुओं की शहादत पर केंद्रित वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सिख गुरुओं के इतिहास को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री को सरोपा और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। उन्होंने मंत्रियों और सिख समाज के प्रमुख संतों के साथ बैठकर लंगर में प्रसाद भी ग्रहण किया।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सिख समाज ने धर्म और राष्ट्र की रक्षा की जो लड़ाई लड़ी, वह अविस्मरणीय है। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सिख समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है। जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी विचार रखे। इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, विधि मंत्री बृजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाती सिंह, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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