सीएम अखिलेश की आज से मुजफ्फनगर को 24 घंटे बिजली देने की घोषणा
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर में करीब डेढ घंटे के प्रवास में जिले को 39 योजनाओं का तोहफा देने के साथ ही जिले को आज से 24 घंटे बिजली देने की घोषणा की।
मुजफ्फरनगर (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को मुजफ्फरनगर के गांव नसीरपुर में पूरी तरह चुनावी अंदाज में नजर आए। अपने भाषण में भाजपा व बसपा पर जमकर हमला बोला। कहा कि बसपा का कोई अता-पता नहीं है और भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। जनता को लुभाने के लिए उन्होंने जिले को चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति की सौगात दी। साथ ही एक हजार करोड़ की 39 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नसीरपुर में जनसभा में तंज कसा कि भाजपा डिजिटल इंडिया का केवल नारा दे रही है, जबकि हमारी सरकार लैपटाप देकर छात्रों को लाभान्वित कर रही है। कहा कि पलायन का मुद्दा उठाने और सूची जारी करने वाले लोग खुद ही पलायन करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात से पलायन कर उत्तर प्रदेश आ गए। सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में कई उल्लेखनीय काम किए हैं। आज एक फोन पर एंबुलेंस घर पहुंचती है। किसानों को हर संभव सुविधाएं दी जा रही हैं। रोजगार के द्वार खोले जा रहे हैं। सूबे में सड़कों का जाल बिछाया है। राज्य में दुग्ध उत्पादन के उपाय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरनगर के पॉलिटेक्निक व एक इंटर कालेज का नामकरण बाबू नारायण ङ्क्षसह के नाम पर करने की घोषणा की। नुमाइश मैदान के ऑडिटोरियम का जीर्णोद्धार करा उसका नाम पूर्व मंत्री स्व. चितरंजन स्वरूप के नाम पर रखने की घोषणा की। विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों को पंद्रह सौ साइकिलें व 662 लैपटाप दिए गए। सात हजार लोगों को समाजवादी पेंशन योजना के चेक बांटे गए। 777 को कौशल विकास मिशन के तहत नियुक्ति पत्र दिए गए। इससे पूर्व उन्होंने स्वर्गीय सांसद संजय चौहान के स्मारक का अनावरण किया।
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काले झंडे दिखाने वाले गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को को काले झंडे दिखाने जा रहे शिव सैनिकों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान इनकी पुलिस से काफी झड़प की हुई। ललित मोहन शर्मा,मनोज सैनी, नरेन्द्र पवार, योगेंद्र शर्मा ,देवेंद्र चौहान चेतन देव, सहित सैकड़ों शिव सैनिकों को पुलिस लाइन लाया गया है।
कौन थे बाबू नारायण सिंह
पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. बाबू नारायण सिंह मूल रूप से कैराना के बिंदरा गांव के रहने वाले थे। कैराना से मुजफ्फरनगर वकालत करने आ गए थे। मुजफ्फरनगर आने के बाद बाबू नारायण सिंह ने 1974 में जनता पार्टी से मोरना विधान सभा से विधायक का चुनाव जीता था। उसके बाद सरकार में उप मुख्यमंत्री बने थे। कैराना से आने के बाद मुजफ्फरनगर में रिहायश बना ली थी। 19 जुलाई 1987 को इनका निधन हो गया। बाबू नारायण सिंह के बेटे भी राजनीति में सक्रिय रहे। उनके बेटे संजय सिंह चौहान 1996 में समाजवादी पार्टी से मोरना विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। उसके बाद संजय सिंह चौहान ने रालोद का दामन थाम लिया था। 2009 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह चौहान रालोद/ भाजपा गठबंधन में रहते हुए बिजनौर से सांसद हुए थे। उनका दो अक्टूबर 2014 को दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया था।
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संजय सिंह चौहान के निधन के बाद उनके बड़े बेटे चंदन सिंह चौहान राजनीति में सक्रिय हुए। मई 2016 में चंदन सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। समाजवादी पार्टी से पुराना नाता होने के कारण चंदन सिंह चौहान ने सपा मुखिया मुलायम सिंह से लखनऊ में मुलाकात की और मुख्यमंत्री ने स्व. बाबू नारायण सिंह की 29वीं पुण्य तिथि पर आने को हामी भर दी।