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फीस न मिलने पर छात्र को दिनभर लाइब्रेरी में बैठाया, प्रिंसिपल व क्लास टीचर पर कार्रवाई की मांग

लखनऊ के जयपुरिया स्कूल में छात्र की फीस न भरने पर टीचर ने लाइब्रेरी में बैठाया अभिभावक ने जताया आक्रोश।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 07:26 AM (IST)
फीस न मिलने पर छात्र को दिनभर लाइब्रेरी में बैठाया, प्रिंसिपल व क्लास टीचर पर कार्रवाई की मांग
फीस न मिलने पर छात्र को दिनभर लाइब्रेरी में बैठाया, प्रिंसिपल व क्लास टीचर पर कार्रवाई की मांग

लखनऊ, जेएनएन। जयपुरिया स्कूल में छठी क्लास के एक बच्चे को फीस न मिलने पर क्लास टीचर ने उसे जबरन लाइब्रेरी में बैठाया। घटना से आहत बच्चे ने घर जाकर परिवारीजनों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद छात्र की मां स्कूल पहुंची और कॉलेज के प्रबंधक से बात की। संतुष्ट जवाब न मिलने पर बच्चे के पिता गौरव श्रीवास्तव ने मड़ियांव थाने पर प्रिंसिपल और क्लास टीचर के विरुद्ध तहरीर दे दी।

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लखनऊ के सीतापुर स्थित जयपुरिया स्कूल में एक छठी क्लास के बच्चे को क्लास टीचर मानसी रस्तोगी ने दिन भर लाइब्रेरी में बैठाए रखा। कारण सिर्फ इतना था कि अभिभावक उसकी जनवरी माह की फीस देने में असमर्थ थे। वहीं बच्चे के पिता गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि जनवरी माह की फीस न देने की मेल वे स्कूल प्रशासन को वह पहले ही कर चुके थे, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। बच्चा जब घर पहुंचा तो उसने रोते हुए सारी बातें अभिभावक को बताई। जिसके बाद उन्होंने मामले को लेकर नाराजगी जताई।

फरवरी में फीस देने का किया था मेल

पिता गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने प्रिंसिपल सुभाष जोशी के नाम मेल लिखा था। जो रिसीव भी हुआ था इसके बाद भी कोई जवाब नहीं आया। वहीं फीस न देने पर कोई कार्रवाई की जाएगी इसकी नोटिस भी स्कूल प्रशासन ने उन्हें नहीं दी। घटना से बच्चा काफी आहत है। वहीं प्रिंसिपल सुभाष जोशी के मुताबिक उन्हें कोई मेल नहीं मिली और बच्चे को लाइब्रेरी में बैठाने की घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यही नहीं गौरव श्रीवास्तव ने इस संबंध में प्रिंसिपल सुभाष जोशी और क्लास टीचर मानसी रस्तोगी मडियांव थाने में तहरीर भी दी है।

नोटिस देने के बाद भी नहीं मिला जवाब

इस संबंध में वाइस प्रिंसिपल सैम तिवारी ने बताया कि बच्चे की तीन माह की फीस जमा नहीं थी, 31 जनवरी अंतिम तिथि थी। बच्चे की डायरी में नोटिस भी दी गई थी, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। जब किसी बच्चे की फीस जमा नहीं होती है तो हम उसे एक या दो पीरयड तक क्लास से हटा देते हैं। छात्र के पिता की कोई भी मेल हमें नहीं मिली। 


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