UP Cabinet Decision : मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में दावे की समय सीमा ढाई महीना बढ़ी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना को देखते हुए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मृत्यु या दिव्यांगता के दावों को प्रस्तुत करने की अवधि को बढ़ाने का फैसला किया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन को देखते हुए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 14 सितंबर 2019 से 31 जुलाई 2020 तक की अवधि में हुई मृत्यु या दिव्यांगता के दावों को प्रस्तुत करने की अवधि को ढाई महीने (75 दिन) बढ़ाने का फैसला किया है। यह समय-सीमा संशोधित शासनादेश जारी होने की तारीख से ढाई माह के लिए बढ़ाई जाएगी। योजना के तहत दुर्घटनावश किसान की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता होने पर पांच लाख रुपये के बीमा कवर का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। उत्तर प्रदेश के किसानों की दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में उनके परिवारों या उन्हें सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना शुरू की गई है। इस योजना के संचालन का शासनादेश तो 28 फरवरी 2020 को जारी हुआ था, लेकिन योजना 14 सितंबर 2019 से प्रभावी की गई है। योजना के संचालन के लिए शासनादेश जारी होने की तारीख के 23 दिन बाद ही 23 मार्च 2020 को कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन घोषित हो गया था।
23 मार्च से 31 मई तक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के वजह से लॉकडाउन होने तथा उसके बाद भी कई जिलों में कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट घोषित होने के कारण योजना के तहत दावे तय समयावधि में प्रस्तुत नहीं किए जा सके। शासन को सूचना मिली है कि समय से दावे प्रस्तुत न कर पाने के कारण 8710 किसान या उनके परिवार योजना का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण किसान योजना का लाभ पाने से वंचित न रह जाएं, इसलिए सरकार ने 28 फरवरी 2020 को जारी शासनादेश में संशोधन कर दावा पेश करने की समय सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है।