सिटी बसें थमीं, तो पब्लिक दौड़ी
-वेतन न मिलने पर बिफरे संविदा ड्राइवर कंडक्टर और कार्यशाला कर्मी -दोपहर बाद संचालन रहा ठप
-वेतन न मिलने पर बिफरे संविदा ड्राइवर कंडक्टर और कार्यशाला कर्मी
-दोपहर बाद संचालन रहा ठप, साढे़ छह बजे हुई वार्ता के बाद गोमतीनगर डिपो से निकलीं बसें
-करीब आधा दर्जन रूट पर बस के इंजतार में दिखे यात्री
जागरण संवाददाता, लखनऊ: तीन माह से वेतन न मिलने से क्षुब्ध चालकों ने शुक्रवार दोपहर सिटी बसों का संचालन रोक दिया। गोमतीनगर सिटी बस डिपो में इन कर्मियों ने हंगामा किया। इस दौरान दो दर्जन बसें डिपो से बाहर नहीं निकलीं। इससे पॉलीटेक्निक से बाराबंकी, चारबाग, मुंशीपुलिया, टेढ़ीपुलिया, महानगर, अलीगंज, निशातगंज रूट पर बसों का संचालन नहीं हो सका। शाम को यात्री बसों का इंतजार करते दिखे। काफी देर तक जब उन्हें बस नहीं मिली तो गंतव्य तक जाने के लिए दूसरे साधन पकड़ने के लिए इधर-उधर दौड़ लगानी पड़ी। सिटी ट्रासपोर्ट के एमडी आरिफ सकलैन ने चालकों और परिचालकों को समझाने की कोशिश की। कर्मचारी बकाया वेतन की मांग पर अड़े रहे। कैश भुगतान के आश्वासन के बाद कर्मी शांत हुए।
शुक्रवार दोपहर बाद की दूसरी पॉली में ड्यूटी करने पहुंचे चालक और परिचालकों ने अधिकारियों से अपना बकाया वेतन मांगा। अफसरों के जवाब उन्हें संतुष्ट न कर सके तो उन्होंने कार्य बहिष्कार कर दिया। करीब घटेभर तक चले हंगामे के बाद गोमतीनगर डिपो में नगरीय परिवहन सेवा के एमडी पहुंचे। प्रबंध निदेशक से कर्मचारियों ने बकाया वेतन की मांग करनी शुरू कर दी। वेतन जल्द दिए जाने के आश्वासन के बाद भी चालक परिचालक नहीं मानें और डिपो से बस रूट पर ले जाने को तैयार नहीं हुए। बाद में मंगलवार से कैश भुगतान पर दोनों पक्षों में लिखा-पढ़ी में सहमति बनी। तब जाकर करीब साढे़ छह बजे बसों का संचालन शुरू हुआ।
कैश कलेक्शन से होगा भुगतान
सिटी ट्रासपोर्ट के प्रबंध निदेशक आरिफ सकलैन ने बताया कि गोमतीनगर और दुबग्गा डिपो के चालक परिचालक और कार्यशाला के कर्मियों का बकाया वेतन तकरीबन सवा करोड़ रुपये है। इन पैसों को देने के लिए नगरीय परिवहन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। पैसा जल्द मिलने की उम्मीद है। रही बात सीएनजी की कीमतों को लेकर किराया कम करने की तो किराया कम नहीं होगा। पिछले कई साल से किराये में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गर्ग के मुताबिक मंगलवार से आने वाले कैश कलेक्शन से कर्मियों को फिलहाल वेतन दिया जाएगा।