सीमैप ने तैयार किए रागी बन, न्यूट्री दलिया, मठरी और क्रेकर्स-ये रखेंगे सेहत को दुरुस्त
रेडी टू ईट होंगे सारे खाद्य पदार्थ कुपोषण से लडऩे में भी मददगार।
लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। क्या आपका बच्चा भी च्बनच् का दीवाना है? मैदा से तैयार बन बर्गर खाने से खुद को रोक नहीं पाता...। ऐसा है तो उसकी सेहत की चिंता करने की जरूरत आगे से नहीं रहेगी। आप भी उसे रोकेंगे नहीं, खुद बन खाने को कहेंगे। यह संभव हुआ है केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के वैज्ञानिकों के प्रयास से। उन्होंने सेहत से भरपूर 'रागी बन' तैयार किया है, जो बच्चों को तंदुरुस्त बनाएगा। यही नहीं, संस्थान ने मीठा, नमकीन न्यूट्री दलिया, मठरी और क्रेकर्स भी तैयार किए हैं।
रेडी टू ईट ये खाद्य पदार्थ कुपोषण से लडऩे में भी मददगार साबित होंगे। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के निर्देश पर तैयार किए गए इन पौष्टिक व्यंजनों की टेक्नोलॉजी संस्थान जल्द ट्रांसफर करेगा।
ब्रेकफास्ट प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. दिनेश कुमार बताते हैं कि मेथियोनाइन बढ़ते बच्चों के लिए एक बेहद जरूरी अमीनो एसिड है। रागी में यह प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। साथ ही इसमें कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट कैल्शियम, विटामिंस और मिनरल भी मौजूद हैं। सीमैप के रागी बन को पैन इंडिया के लिए चयनित किया गया है। मीठापन देने के लिए गुड़ का प्रयोग किया गया है।
न्यूट्री स्वीट और नमकीन दलिया
भारत में दलिया प्रमुख नाश्ता है, लेकिन अब सीमैप ने सेहत से भरपूर न्यूट्री स्वीट और नमकीन दलिया तैयार किया है, जिसे केवल गर्म पानी डालकर तैयार किया जा सकेगा। याददाश्त बढ़ाने के अलावा इसमें भरपूर कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विशेष रूप से कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम मौजूद हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर मठरी
'मठरी' बच्चों का पसंदीदा खाद्य पदार्थ है। सीमैप ने आमतौर पर मैदा व आटे से घरों में तैयार होने वाली मठरी की ऐसी रेसिपी तैयार की है, जो औषधीय पौधों की विशेषताओं से लैस है। इसमें जरूरी पोषक पदार्थ, फाइबर, फोलेट, आयरन व कैल्शियम मौजूद हैं। डॉ. दिनेश कुमार बताते हैं कि न्यूट्रीटिव मठरी स्नैकिंग का स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है। इसे परिष्कृत आटा मुक्त उत्पाद से तैयार किया गया है, जिसकी शेल्फ लाइफ अच्छी होने से यह परोसने में आसान है। औषधीय पौधों व जड़ी-बूटी मठरी को एंटीऑक्सीडेंट गुण देती है।
चिप्स का बेहतर विकल्प
बाजरा से तैयार चटपटे 'मिलेट क्रेकर' बाजार में बिकने वाले चिप्स, जिनमें ट्रांसफैट तो अत्यधिक मात्रा में होता है, लेकिन पोषण बहुत कम होता है, उसका बेहतर विकल्प साबित होंगे। प्रोटीन व विटामिन बी के अलावा इन क्रेकर्स में उच्च मात्रा में कैलोरी, कैल्शियम, मैग्नीशियम व अन्य मिनरल मौजूद हैं। इसके स्वाद को बढ़ाने के फिए मसालों का प्रयोग किया गया है।
कहीं बढ़ रहा मोटापा, कहीं कुपोषण, इसलिए हुआ शोध
दुनिया के एक तिहाई से अधिक कुपोषित बच्चे भारत में रहते हैं, जबकि दूसरी ओर एक तबके के बच्चे फास्ट फूड खाकर बेतहाशा मोटे होते जा रहे हैं। इसी दोहरी समस्या को देखते हुए सीएसआइआर ने न्यूट्रामिशन प्रोजेक्ट के तहत नाश्ते के ऐसे विकल्प विकसित करने का जिम्मा लिया है, जो रेडी टू ईट होने के साथ पोषण तत्वों से भरपूर हों। सीमैप सहित अन्य प्रयोगशालाओं को ऐसे रेडी टू ईट व्यंजन बनाने की जिम्मेदारी दी गई, जिसके तहत ऐसा नाश्ता विकसित करना था जो सेहतमंद होने के साथ बच्चों को आसानी से परोसा जा सके।