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सीमैप का कमाल-चबाइए तुलसी 'सुवास', मिलेगा पान का स्वाद Lucknow News

सीमैप लखनऊ ने पान ही नहीं सौंफ लौंग लेमन कपूर सहित तुलसी की 25 किस्में विकसित की।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 05:06 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 07:25 AM (IST)
सीमैप का कमाल-चबाइए तुलसी 'सुवास', मिलेगा पान का स्वाद Lucknow News
सीमैप का कमाल-चबाइए तुलसी 'सुवास', मिलेगा पान का स्वाद Lucknow News

[रूमा सिन्हा]। जी हां, रामा-श्यामा तुलसी तो हर घर के आंगन की शोभा बढ़ाती हैं लेकिन अब खेतों में भी तुलसी नजर आएगी। वह भी पान, सौंफ, लौंग, लेमन, कपूर की गंध  वाली तुलसी की। यह कारनामा कर दिखाया है केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के वैज्ञानिकों ने। स्वास्थ्य के लिए बेजोड़ मानी जाने वाली तुलसी में पान, सौंफ, लौंग आदि के गुणों को उभार कर विकसित की गई करीब 25 किस्मों का डंका न केवल भारतीय औषधीय एवं कॉस्मेटिक उद्योग में बज रहा है बल्कि विदेशों में भी इनके तेल की जबर्दस्त मांग है। आलम यह है कि उद्योग के लिए इसकी पत्तियां तक हाथों-हाथ लेने को तैयार हैं। 

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लंबे समय से तुलसी पर शोध कर रहे सीमैप के एमरेटस वैज्ञानिक डॉ.आरके लाल बताते हैं कि सुवास तुलसी पान का स्वाद देती है। इसकी एक पत्ती मुंह में रखते ही ऐसा मालूम देता है कि मानों पान खाया हो। डॉ.लाल कहते हैं कि पान की खेती काफी मुश्किल है। बीमारी का प्रकोप होते ही पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में इंडस्ट्री  को पान का स्वाद वाले विकल्प की जरूरत थी। शोध में तुलसी की दो किस्मों से तैयार हाइब्रिड किस्म सुवास डेवलप की।  अच्छी बात यह है कि जहां पारंपरिक रामा-श्यामा तुलसी जाड़े में लगभग खत्म हो जाती हैं, सुवास ठंडक में भी आसानी से उगाई जा सकती है। किसानों के नजरिए से देखा जाए तो इसकी साल में तीन कटिंग ली जा सकती हैं। वही रोपी गई पौध पांच साल तक उपज देती है।

डॉ.लाल बताते हैं कि सुवास में पान में पाया जाने वाला चेविबेटाल होता है जो पान के मुकाबले काफी सस्ता स्रोत है। इसकी च्यूंगम व फ्लेवर इंडस्ट्री में जबर्दस्त मांग है। इसी तरह लौंग के फ्लेवर वाली राम तुलसी, लेमन की खुश्बू वाली सिम ज्योति, सिम सौम्या, सिम आयु, सिम कंचन, सिम स्निग्धा, सिम सुखदा, सिम शिशिर भी अपने आप में खास हैं।

  • औषधीय, सगंध व कॉस्मेटिक उद्योग में दिनोंदिन बढ़ रही है मांग 
  • यूरोपीय देशों के साथ-साथ हर साल विदेशों में बड़ी तादाद में होता है तेल व शाक का निर्यात
  •  चाय उद्योग में भी विभिन्न गंध वाली तुलसी की है जबर्दस्त मांग
  • फैजाबाद, सुल्तानपुर, बाराबंकी, मथुरा व बुंदेलखंड के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी किसान कर रहे हैं तुलसी की खेती।
  •  एंटीऑक्सीडेंट, एंटीएजिंग, एरोमाथेरेपी, संक्रमणरोधी, एंटीस्पासमोडिक, के साथ कार्बोहाइड्रेट, फाइबर,   फॉस्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, बीटाकैरोटीन और विटामिन से भी भरपूर है।

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