चित्रकूट जिला जेल में तीन मौत पर NHRC सख्त, मुख्य सचिव व DGP से मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट
Chitrakoot Jail Gang War and Encounter Case राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस प्रकरण पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश राजेंद्र कुमार तिवारी पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी व गृह सचिव से 13-14 मई की घटना के बाद अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।
लखनऊ, जेएनएन। चित्रकूट जिला जेल में 14 मई को गैंगवार तथा पुलिस एनकाउंटर में तीन लोगों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) बेहद सख्त हो गया है। आयोग ने चार दिन पहले के इस प्रकरण पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और जिला जेल प्रशासन चित्रकूट से अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। एनएचआरसी के इस कदम से प्रदेश में खलबली मच गई है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस प्रकरण पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश राजेंद्र कुमार तिवारी, पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी, गृह सचिव, चित्रकूट के एसपी चित्रकूट अंकित मित्तल के साथ ही जिला जेल के अधीक्षक व जेलर से 13-14 मई की घटना के बाद अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ ही साथ पुलिसकॢमयों की एमएलसी सहित 18 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने जेल पुलिस की भूमिका के संबंध में भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी। राष्ट्रीय मानवाधिकार ने उत्तर प्रदेश सरकार ने दस हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव के साथ चित्रकूट डीएम -एसपी और जेल के अधिकारियों को डीआईजी जेल प्रयागराज के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
आयोग ने इन मुख्य बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट: - 14 मई को एक कैदी ने जेल कॢमयों से कथित तौर पर पिस्टल छीनकर और दो अन्य कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद जेल स्टाफ व पुलिस की फायरिंग में वह भी मारा गया। यह कितने बजे हुआ कैसे हुआ, कौन-कौन लोग शामिल थे।
-विस्तृत रिपोर्ट में कैदियों की मौत मुठभेड़ के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए द्वितीय मुठभेड़ के पहले और बाद में पुलिस बलों के प्रस्थान व आगमन की दर्ज स्थिति की फोटोकॉपी।
-घायल पुलिसकॢमयों की एमएलसी रिपोर्ट, मृतक व्यक्तियों के अपराधिक इतिहास का विवरण।
-मुठभेड़ के दौरान पुलिस बल व मृतक की स्थिति की जांच रिपोर्ट, प्रत्येक मृतक की पोस्टमार्टम जांच की रिपोर्ट, चोट के निशान को चिन्हित करते हुए पूरी जानकारी।
-मृतक और उसके साथियों के कथित तौर पर इस्तेमाल गोला-बारूद और बैलेस्टिक जांच की रिपोर्ट।
-रिपोर्ट भेजते समय अब तक हुई जांच का पूरा विवरण, मृतक के परिवार के सदस्यों व अन्य गवाहों के बयान की प्रति।
-तीनों मौत के संबंध में सौपे गए मेमो की फोटो कॉपी, दूसरी पहचान की भी फोटो कॉपी व वायरलेस लॉक की छायाप्रति।
-मृतक के रिश्तेदार या अन्य व्यक्तियों के फर्जी मुठभेड़ में हत्या का आरोप लगाने की शिकायत की कॉपी।
-जेल में दो बदमाशों की हत्या, फिर पुलिस एनकाउंटर में एक ढेर।
जिला जेल में मारे गए मुकीम काला व मेराज अली के परिवार के लोगों ने इनकी हत्या का आरोप सरकार पर लगाया है। इनकी हत्या के आरोपित अंशु दीक्षित के पिता ने भी अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद प्रकरण का संज्ञान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी लिया है।
जिला जेल में ईद की पूर्व संध्या 13 मई की रात से ही कुख्यात बदमाशों में झड़प होने लगी। इसके बाद यह झड़प गैंगवार में बदल गई। 14 मई की सुबह कुख्यात गैंगस्टर सीतापुर के अंशु दीक्षित ने वाराणसी के मेराज अली और कैराना के मुकीम काला पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनको मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वहां पर सनसनी फैल गई। जिला जेल प्रशासन ने प्रकरण की जानकारी जिला तथा पुलिस प्रशासन को दी। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और चार-पांच बंदियों की हत्या की धमकी देने वाले अंशु दीक्षित को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इस बड़ी घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच कमेटी गठित कर छह घंटे में ही रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट मिलने के तत्काल बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटना में लापरवाही सामने आने पर चित्रकूट जेल के अधीक्षक एसपी त्रिपाठी व जेलर महेंद्र पाल समेत पांच कर्मियों निलंबित कर दिया गया। निलंबित कर्मियों में जेल के हेड वार्डर के अलावा सुरक्षा-व्यवस्था में तैनात पीएसी का एक सिपाही भी है। अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बीते चार दिन तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।