Wife Murder Case in Lakhimpur: चीखते रहे बच्चे... पापा, मम्मी को छोड़ दो, मम्मी मर जाएंगी
Wife Murder Case in Lakhimpur लखीमपुर में शक की वजह से पति ने पत्नी को मौत के घाट उतारा बच्चों की चीखों का भी नहीं हुआ असर।
लखीमपुर, [आशीष शुक्ला]। बरबर के मुहल्ला गांधीनगर में रेनू के घर रविवार की रात सबकुछ सामान्य था। उसके बच्चों को एहसास भी नहीं था कि यह रात उनके लिए ममता की आखिरी रात है। आज के बाद उनको सोते समय मां की लोरियां सुनने को नहीं मिलेंगी। मां का आंचल हमेशा के लिए उनके सिर से हट जाएगा।
सोमवार की अलसुबह जागने के बाद रेनू अपने बच्चों बादल (06), रक्षा (05) व आयुष (03) को बिस्तर से उठाकर चाय नाश्ता तैयार करने लगी। इसी बीच पति बबलू के साथ रेनू की बहस शुरू हो गई। बातचीत बढऩे पर बबलू ने रेनू के साथ मारपीट करते हुए उसकी गर्दन पर चाकू से प्रहार करना शुरू कर दिया। चाकू की चोट से रेनू छटपटाते हुए अपनी जान बचाने की नाकाम कोशिश करने लगी। मां को तड़पता देख मासूम बादल व रक्षा ने बबलू से कहा पापा, मम्मी को न मारो... मम्मी मर जाएंगी लेकिन, किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। रेनू के लिए काल बन चुके बबलू ने बच्चों के साथ अपने हमसफर की चीखों को नजरअंदाज करते हुए तब तक उस पर प्रहार किए, जब तक उसकी जान नहीं चली गई। रसोई से कुछ दूर पर घायल होकर गिरी रेनू ने बच्चों व पति के सामने दम तोड़ दिया। मां के साथ होने वाले जुर्म को मासूम बच्चे बेबस देखते रहे। सात फेरों के पवित्र बंधन के दरमियान पत्नी की सुरक्षा का वचन देने वाला बबलू ही अपनी पत्नी रेनू के लिए काल बन जाएगा यह तो कभी उसने सोंचा ही नहीं होगा।
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बबलू को अपनी गर्भवती पत्नी पर कोई तरस नहीं आया। रेनू चीख चीखकर कहती रही कि वह निर्दोष है उसका दामन पवित्र है लेकिन, बबलू के मन में शंका का घर इतना मजबूत था कि उसे यह तक नहीं दिखा कि उसके मासूमों से ममता की छांव हट जाएगी। मां की मौत व पिता के जेल जाने के बाद तीनों मासूम बेसहारा हो गए। बच्चों को उनके नाना खुशीराम अपने साथ ले गए।