Coronavirus: बच्चों को भी कोरोना का खतरा, हाथ धोने की डलवाएं आदत
Coronavirus हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में संजय गांधी पीजीआइ की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्या मौजूद थीं। उन्होंने पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus: कोरोना संक्रमण के प्रति बच्चे भी संवेदनशील हैं। कारण यह है कि एक तो बच्चों में बड़ों की तरह समझदारी नहीं होती। दूसरे, स्कूल बंद हैं। ऐसे में छुट्टी जैसा माहौल है। बच्चे घर बैठने के बजाय बाहर खेलने-कूदने जा रहे हैं। यह उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए बच्चों को बाहर जाने से रोकना बड़ों की जिम्मेदारी है। उन्हें घर पर ही व्यस्त रखें।
उनके साथ क्वालिटी समय व्यतीत करें, जो शायद आप सामान्य दिनों में व्यस्तता के कारण नहीं कर पाते होंगे। बच्चों को कोरोना के संक्रमण से बचाने केलिए क्या करें? उनमें हाथ धोने जैसी आदतें कैसे डालें? ऐसे तमाम सवालों के जवाब देने के लिए दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में शुक्रवार को संजय गांधी पीजीआइ की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्या मौजूद थीं। उन्होंने पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
सवाल : क्या कोरोना का संक्रमण बच्चों को भी हो सकता है? (संदीप कुमार, अयोध्या)
जवाब : जी हां, बच्चे भी कोरोना के प्रति संवेदनशील हैं। देश में कुपोषण की समस्या के साथ एनीमिया भी है। ऐसे में इसके संक्रमण की समस्या बहुत अधिक है।
सवाल : कोरोना से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? (कमलेश, बख्शी का तालाब)
जवाब : यह वायरस सतह से फैलता है। इसलिए हाथ साबुन से धोते रहें। खासतौर पर कहीं बाहर से आएं तब अवश्य धोएं। यदि किसी को खांसी या छींक आ रही हो तो मास्क पहने। भीड़ में न जाएं। अभिवादन नमस्ते करके करें। लोगों से दूरी बनाएं।
सवाल : क्या कोरोना की जांच हर जगह हो सकती है? (संतोष सिंह, रुदौली)
जवाब : हर जगह जांच की सुविधा नहीं है। सब जगह सुविधा देने से मरीज हर जगह जाएंगे, जिससे संक्रमण फैलने की समस्या होगी। 10-15 दिन धैर्य रखें। घर पर ही रहें।
सवाल : सर्दी-जुकाम का असर रहता है। बच्चे संपर्क में रहते हैं। क्या करें? (धर्मराज निषाद, सुलतानपुर)
जवाब : यदि जुकाम पुराना है तो डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन, मास्क का प्रयोग करें और उसे हर रोज साबुन गर्म पानी से धोएं।
सवाल : सैनिटाइजर से ही हाथ साफ करना चाहिए या साबुन से भी धो सकते हैं। (अमीरुद्दीन अंसारी, बलरामपुर)
जवाब : किसी भी साबुन से अच्छी तरह 20 सेकेंड तक हाथ धोएं। बाहर जाने पर जहां साबुन-पानी नहीं है, वहां सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
सवाल : छुट्टी है तो गांव में बच्चे गलियों में घूम रहे हैं। इनको खतरा तो नहीं। (डीके दीक्षित, हरदोई)
जवाब : नहीं, इन बच्चों के अभिभावकों को समझाएं कि वह उन्हें घर पर ही रहें। माता-पिता उनके साथ लूडो आदि खेलें। उन्हें कलर करने को कहें। कहानियां सुनाएं। बाहर जाने से रोकें।
सवाल : एक बच्चा पांच साल का है तो दूसरा दो माह का है। बड़े बच्चे को जुकाम रहता है। क्या करें? (शालिनी, इंदिरा नगर)
जवाब : बड़े बच्चे को कहें कि वह छोटे से थोड़ा दूर रहे। उसे मास्क पहनाएं। हाथ धोते रहना सिखाएं। बाहर से आने-जाने वालों को कुछ समय के लिए घर न आने को कहें।
सवाल : 13 साल का बेटा है। चार-पांच दिन से सूखी खांसी आ रही है। (वीएन गुप्ता, केशव नगर)
जवाब : यदि बुखार नहीं है और सांस लेने में तकलीफ नहीं है तो परेशान होने की बात नहीं। उसे घर पर ही आराम करने को कहें। गर्म पेय पदार्थ व पानी पिलाते रहें। जरूरत समझें तो अपने डॉक्टर को दिखा लें।
सवाल : लंबे समय से जुकाम है। खांसी रहती है। विक्स लगाते हैं। (उपेंद्र पांडेय, गोंडा)
जवाब : यदि बुखार नहीं है तो परेशान न हों। गले से ऊपर विक्स न लगाएं। घर में बनाए हुए मास्क का प्रयोग करें। यदि टिश्यू प्रयोग करें तो उसे बंद डस्टबिन में ही डालें। कपड़े का मास्क प्रतिदिन धोकर ही प्रयोग करें।
सवाल : क्या मवेशी से भी संक्रमण फैल सकता है? (शादाब अहमद, अंबेडकर नगर)
जवाब : अभी तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं है, जिससे गाय, भैंस या अन्य मवेशी से फैला हो। सफाई का ध्यान रखें।
सवाल : दो माह की बच्ची है उसकी सफाई का ध्यान कैसे रखें? (कोमल, लखीमपुर खीरी)
जवाब : बच्ची को प्रतिदिन नहलाकर साफ कपड़े पहनाएं। घर के अन्य लोग उसे हाथ धोकर ही छूएं। यदि किसी को सर्दी-जुकाम है तो उससे दूर रखें।
इन बातों का रखें ख्याल
- बुजुर्गों को संक्रमण का ज्यादा खतरा है। घर में बुजुर्ग हैं तो उनसे बाहर आने-जाने को मना करें
- बाहरी लोगों को घर में आने से मना करें
- यदि किसी को सर्दी-जुकाम है तो वह मास्क अवश्य पहनें
- साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें
- रुपये या पैसे छूने के बाद हाथ अवश्य धोएं। मुमकिन हो तो डिजिटल पेमेंट करें
- हाथ गर्दन के ऊपर चेहरे पर न लगाएं
- बच्चों में गाना गाकर या कोई कविता गाकर 20 सेकेंड तक हाथ धोने की आदत डालें
- बच्चों को घर पर व्यस्त रखने के लिए उन्हें कलर करने, ड्राइंग बनाने, क्राफ्ट का काम करने को प्रेरित करें। घर के लोग आपस में लूडो, सांप-सीढ़ी जैसे गेम खेलकर समय बिताएं। एक घंटा टीवी भी देखने को कहते हैं।