डॉयल-100 पर गूंजी बालिका वधू की आवाज, प्लीज मुझे बचा लो
बालिका वधू की कहानी पुलिस और मीडिया ने सुनी और जरूरी मदद पहुंचाई लेकिन यह संभव हुआ बालिका की बहादुरी से जिसने पुलिस को बुलाकर बताया।
फैजाबाद (जेएनएन)। बालिका वधू की दर्द भरी कहानी पुलिस और मीडिया ने सुनी और उसको जरूरी मदद भी पहुंचाई लेकिन यह सब संभव हुआ बालिका की बहादुरी से जिसने पुलिस को बुलाकर सब कुछ बताया। यह मामला फैजाबाद के थाना मवई के रतनपुर गांव का है। मवई की बालिका वधू ने साहस दिखाकर बाल्यावस्था में विवाह को मानने से इन्कार कर दिया। जबरन विदा कराने पर अड़े ससुरालीजन से अकेले भिड़ी और मदद के लिए डॉयल 100 से गुहार लगाई। पुलिस ने मदद की तो उसने समाज को आईना दिखाकर नारी सशक्तीकरण की मिसाल कायम की।
डॉयल-100 पर प्लीज मुझे बचा लो
शुक्रवार सुबह डॉयल-100 पर एक बालिका की आवाज गूंजती है 'साहब मेरी बचपन में शादी हुई थी, अभी मैं नाबालिग हूं, लेकिन मुझे जबरदस्ती ससुराल के लोग ले जाने के लिए आए हैं और न भेजने पर दो लाख रुपये जुर्माना वसूलने की धमकी दे रहे हैं... प्लीज मुझे बचा लो।' यह आवाज सुनते ही पुलिस सक्रिय हुई और घर पहुंची तो उसका जीवन बर्बाद होने से बच गया। पुलिस ने उसके पति को थाने लाकर दोनों पक्षों में सुलह कराकर किशोरी को मां के हवाले कर दिया। अब दोनों कोर्ट में तलक लेने की बात कर रहे हैं।
राजा राममोहन राय की जीवनी से प्रेरणा
रतनपुर गांव की रहने वाली 16 साल की रश्मि पुत्री बुधराम का पांच साल पहले नौ साल की उम्र में समगड़ा मजरे हंसराजपुर के अजय कुमार (28) पुत्र रामहेत के साथ शादी हुई थी। आज उसका पति उसे विदा कराने आया था। परिवारीजन भी भेजने को राजी थे। किशोरी की मां मुन्नीदेवी बताती हैं कि उसका पति लखनऊ में रिक्शा चलाता है। लड़की की शादी चार साल पहले गरीबी की हालत में किया था। लड़की वह हाईस्कूल की छात्रा है। यह बात जब अगुआ को बताया तो वह दो लाख रुपये जुर्माना वसूलने की बात कहने लगे। रश्मि ने राजा राममोहन राय की जीवनी पढ़ी थी। उसने बताया कि राय की जीवनी पढ़कर बाल विवाह की जानकारी हुई। इसलिए उसने इसका विरोध किया। रश्मि ने बताया कि वह बाल विवाह के खिलाफ मुहिम छेड़ेगी।