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सिलिंडर में विस्फोट से जिंदा जला मासूम

लखनऊ : गोमतीनगर में वेव मॉल के पीछे बेहनन पुरवा स्थित झुग्गियो में गैस रीफिलिंग के दौरान सिलि

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 12:37 AM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 12:37 AM (IST)
सिलिंडर में विस्फोट से जिंदा जला मासूम
सिलिंडर में विस्फोट से जिंदा जला मासूम

लखनऊ : गोमतीनगर में वेव मॉल के पीछे बेहनन पुरवा स्थित झुग्गियो में गैस रीफिलिंग के दौरान सिलिंडर फटने से आग लग गई। अग्निकांड में एक झोपड़ी में सो रहे दो वर्षीय मासूम देव जिंदा जल गया। बस्ती में स्थित 25 झोपड़ियां और उसमें रखी सारी गृहस्थी जलकर राख हो गई। हादसे के बाद आरोपित गैस दुकानदार धर्मवीर भाग निकला। आक्रोशित लोगों ने लोहिया अस्पताल के पास सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया और पुलिस से धक्का-मुक्की की। आला अधिकारियों ने उन्हें समझाकर शांत कराया।

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बेहननपुरवा स्थित झुग्गियों में रविवार दोपहर तेज धमाके के बाद आग लग गई। देखते-देखते आग ने कई झोपड़ियां को चपेट में ले लिया। इस दौरान झोपड़ी में बच्चों संग सो रहीं गीता देवी, रेशमा, रीमा, पवन, कैलाश और अन्य लोग चीखते हुए भागे। अग्निकांड की सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ इंस्पेक्टर बृजेश कुमार राय और सीएफओ अभय भान पांडेय मौके पर पहुंचे। तभी घरों से काम करके पहुंची मनीषा अपने मासूम देव की खोजबीन शुरू की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका।

उधर, दमकलकर्मियों के प्रयास से आग बुझ गई तो मनीषा के साथ बस्ती में रहने वाले अन्य लोग उसकी झोपड़ी के पास पहुंचे। यहां का हाल देख सबकी रूह कांप उठी। आग में झुलसकर मनीषा के देव की सांसें थम चुकी थीं। बेटे के गम में बिलखती मनीषा को पड़ोसियों ने बमुश्किल संभाला।

उधर, घटना से आक्रोशित लोगों ने आरोपित धर्मवीर की गिरफ्तारी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। बवाल बढ़ता देख पुलिस कर्मियों ने बच्चे का शव उठाया और लोहिया अस्पताल ले जाने लगे। यह देख लोगों का आक्रोश और बढ़ गया। उन्होंने पुलिस और दमकल कर्मियों को दौड़ा लिया। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनके बीच हाथापाई शुरू हो गई। हालांकि पुलिस आनन-फानन शव लेकर लोहिया अस्पताल पहुंची। उनके पीछे पहुंची भीड़ ने लोहिया अस्पताल के पास सड़क जाम कर दी। मुआवजे और आरोपित की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। बवाल की सूचना पर सीओ गोमतीनगर दीपक सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट और गाजीपुर, गोमतीनगर एवं चिनहट थाने का फोर्स मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्यवाई का आश्वासन देकर लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

नाम का धर्मवीर, सालों से कर रहा सिंलिंडरों की अवैध रीफिलिंग

देव के चाचा सुरेंद्र ने बताया कि बस्ती में सालों से धर्मवीर अवैध तरीके से गैस रीफिलिंग का काम कर रहा है। कई बार विरोध कर थाने में शिकायत भी की गई पर पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। उसका यह अवैध कारोबार ने आखिरकार बच्चे की जान ले ली।

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खाना खिलाने पहुंचे तो मौत की नींद सो चुका था बेटा

घर पहुंची मनीषा ने देखा कि उसकी बस्ती जल रही थी। सड़क पर बस्ती और पड़ोस में रहने वालों की भीड़ जुटी थी। भीड़ में खोजबीन के दौरान बेटी निशा तो मिली लेकिन बेटे देव का कुछ पता न चला तो वह झोपड़ी की तरफ भागी। इस पर लोगों ने उसे पकड़ लिया। आग शांत होने पर देव की खोजबीन की गई तो झोपड़ी में उसका झुलसा शव मिला। बेटे की मौत के सदमे में रोते हुए वह अचेत हो गई। लोगों ने उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारे तो वह होश में आई। मनीषा ने बताया कि उसके पति मुकेश राजमिस्त्री हैं। वह घरों में काम करती है। सुबह पति काम पर गए थे। इसके बाद वह भी बच्चे को झोपड़ी में सुलाकर काम पर चली गई थी। दोपहर बाद करीब चार बजे वह बच्चे को खाना खिलाने लौटी थी।

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ताबड़तोड़ हुए धमाकों से मची खलबली

अग्निकांड के दौरान आग की तपिश से अन्य झोपड़ियों में रखे गैस सिलिंडर भी धमाके के साथ फटने लगे। गीता ने बताया कि उनकी झोपड़ी में टीवी, फ्रिज भी रखा था। आग की तपिश के कारण तीनों में धमाका हुआ। इसके अलावा अन्य झोपड़ियों में रखे सिलिंडर एक के बाद एक धमाके के साथ फटने लगे तो लोगों में भगदड़ मच गई। आंखों के सामने गृहस्थी जलती देख लोग रो पड़े। धमाकों की आवाज सुनकर वेव मॉल के सुरक्षाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए और वह भी फायर फाइटिंग टीम के साथ लग गए।

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इनकी झोपड़ियां खाक हुई

कुलदीप, मो. असलम, गीता, रेशमा, आनंद, रीमा, परशुराम, चिरौंजी, मो. मैकू, आनंद बहादुर, शबनम, बड़े उर्फ गुड्डा, शमशुद्दीन, पवन, मनीष, कैलाश समेत 25 लोगों की झोपड़ियां जलकर खाक हो गई।

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पहले भी ऐसी बस्तियों में हुए हैं भीषण अग्निकांड

- 25 मार्च को बालागंज हरिनगर बरीकला स्थित 95 अवैध झुग्गियां नष्ट।

- एक साल पहले मवैया में असमियां बस्ती में अग्निकांड में 100 से अधिक झोपड़ियां जलीं।

- एक साल पहले आशियाना में करीब 70 झोपड़ियां आग में नष्ट हुई।

- डेढ़ वर्ष पूर्व राजाजीपुरम में 20 झोपड़ियां जली और तीन बच्चों की भी झुलसने से मौत हुई थी।

- डेढ़ साल पहले इंदिरानगर में अग्निकांड में 35 झोपड़ियां जली।

- डेढ़ साल पहले गोमतीनगर उजरियांव में अग्निकांड के दौरान दर्जनों झोपड़ियां जलीं।

- दो साल पहले गोमतीनगर पत्रकार पुरम चौराहे के पास सब्जी मंडी में 100 से अधिक दुकानें जलीं। आग से करीब 25 झोपड़ियां जलकर राख हुई हैं। लोगों का आरोप है कि गैस रीफिलिंग के दौरान सिलिंडर फटने से हादसा हुआ है। हालांकि पड़ताल में रीफिलिंग संबंधित कोई उपकरण नहीं मिला है। अग्निकांड मे एक बच्चे की मौत हुई है। अभी तक तहरीर नहीं मिली है।

दीपक सिंह सीओ गोमतीनगर


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