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ट्रिपल तलाक की मुख्य याचिकाकर्ता ने जताई हत्या की आशंका, CM से मांगी मदद

फरहा फैज ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से सहयोग मांगने के लिए लखनऊ आई हूं। सीएम को पत्र भेज ट्रेन में हुए हमले की जांच में सरकार से मांगा सहयोग।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 08:45 AM (IST)
ट्रिपल तलाक की मुख्य याचिकाकर्ता ने जताई हत्या की आशंका, CM से मांगी मदद
ट्रिपल तलाक की मुख्य याचिकाकर्ता ने जताई हत्या की आशंका, CM से मांगी मदद

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज तीन तलाक की मुख्य याचिकाकर्ता व सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता फरहा फैज ने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए पिछले दिनों ट्रेन में हुए हमले सहित अन्य मामलों में सहयोग करने की गुहार लगाई। प्रदेश सरकार व उप्र पुलिस पर उचित जांच न कराने का आरोप लगाते हुए उन्होंने मीडिया से उनकी बात सरकार तक पहुंचाने की अपील की। कहा कि मैं मुख्यमंत्री से सहयोग मांगने लखनऊ आई हूं, ताकि मेरे कत्ल से पहले हमलावर के खिलाफ कार्यवाही हो सके।

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फरहा फैज ने बताया कि प्रदेश सरकार केवल केंद्र सरकार की योजनाओं के सहारे अपने दिन काट रही है, सरकार ने तीन तलाक पीडि़तों से जो वादा किया था वह पूरा नहीं किया। नतीजा तीन तलाक, हलाला व बहुविवाह सहित अन्य कुरीतियों के खिलाफ लड़ रहीं मुझ जैसी महिलाओं को पहले से अधिक विरोध झेलना पड़ रहा है। इसका एक उदाहरण पिछले दिनों टीवी डीबेट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना मुफ्ती एजाज अरशद कासमी द्वारा मेरे साथ मारपीट की घटना है, जिसको लाखों लोगों ने टीवी पर देखा। इसके बाद चलती ट्रेन में मेरे ऊपर हमला किया गया, जिसकी एफआइआर सहारनपुर में दर्ज है।

एक हमलावर की पहचान भी कर ली गई है और मामला दिल्ली पुलिस के स्पेशल से को ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके बाद भी प्रदेश सरकार व उप्र पुलिस सहयोग नहीं कर रही। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज उप्र से पकड़े गए आतंकवादी से इंवेस्टीगेशन, ट्रेन में हुई घटना के दूसरे हमलावर की पहचान के लिए दिल्ली न्यायालय के आदेशानुसार मदरसा दारुल उलूम देवबंद में छापेमारी करने की मांग की।

दारुल कजा का नाम हो मीडिएशन सेंटर

अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में तीन तलाक का मामला लंबित रहने के दौरान प्रदेश सरकार ने पीडि़त मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के साथ उनको सबल बनाने का भरोसा जताया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अपना वादा भूल गए। यदि सरकार सच में मुस्लिम महिलाओं की हितैषी है तो हिंदू व ईसाई मैरिज एक्ट की तरह मुस्लिम मैरिज एक्ट बनाए। एक्ट बनने के बाद तीन तलाक, हलाला, बहुल विवाह, मुता व मिस्यार सहित अन्य कुरीतियों पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने दारुल कजा (शरई अदालत) के नाम पर भी आपत्ति जताई। कहा कि दारुल कजा का नाम बदलकर मीडिएशन सेंटर (मध्यस्थता केंद्र) रखा जाए। क्योंकि अदालत शब्द का इस्तेमाल करने का अधिकार किसी गैर सरकारी संगठन को नहीं है। एक देश और एक संविधान में दो अदालतें नहीं हो सकती। 


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