डॉक्टरों में संवेदना और धैर्य का अभाव: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 मंजिला लोहिया संस्थान के एकेडमिक ब्लॉक का किया उद्घाटन। 2022 तक 14 नए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश का लक्ष्य।
लखनऊ, जेएनएन। अस्पतालों में मरीज पीड़ा में आता है। समस्या का समाधान न होने पर उसमें झुंझलाहट आ जाती है। वहीं डॉक्टरों में धैर्य और संवेदना का अभाव है। ऐसे में मरीज, तीमारदार व डॉक्टरों में मारपीट हो जाती है। यह गलत है। एकेडमिक ब्लॉक उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियों का बखान किया, वहीं अस्पतालों में बढ़ती मारपीट की घटनाओं पर डॉक्टरों को भी खरी-खरी सुनाई।
उन्होंने कहा कि जनता में चिकित्सकों के प्रति नजरिया ठीक नहीं है। इसी वजह से मारपीट की घटना में कोई भी आम व्यक्ति डॉक्टर के पक्ष में खड़ा नहीं होता है। बल्कि विरोध में तमाम तरह की बातें करता है। यह डॉक्टर द्वारा सेवाभाव की ली गई शपथ का पालन न करने से हो रहा है। लिहाजा, चिकित्सकों को अपने अंदर धैर्य व संवेदना को जागृत करना होगा। ऐसी घटनाओं से पेशे के साथ-साथ संस्थान की छवि भी धूमिल होती है।
एम्स से प्रतिस्पर्धा करें संस्थान
लोहिया संस्थान में पूर्वी उत्तर प्रदेश के काफी मरीज आते हैं। यहां इलाज बेहतर किया जा रहा है। वहीं डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक से इलाज पर और फोकस करना होगा। वह एम्स से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करें। साथ ही चिकित्सा संस्थान खुद को ऐसे ढालें कि सरकार पर न्यूनतम आश्रित रहना पड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच से सरकार के कार्य गत 70 साल पर भारी हैं।
दूर होगी चिकित्सकों की कमी
- 12 मेडिकल कॉलेज राज्य में थे 1947 से अब तक।
- 15 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए 2016 से 2019 तक।
- 07 मेडिकल कॉलेजों में इस वर्ष एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू हो गई
- 14 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
- 2022 तक 14 नए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य
हंसकर पूछने पर कम हो जाता है मरीज का दर्द : सुरेश खन्ना
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार बनने के बाद से सात मेडिकल कॉलेज शुरू हुए है। आठ का निर्माण चल रहा है। 14 प्रस्तावित हैं, इनमें से 5 को केंद्र से मंजूरी मिल गयी है। डॉक्टर व्यवहार सही रखें, भीड़ देखकर घबराएं नहीं। मरीज से हंसकर हाल पूछने से उसका 50 फीसद दर्द कम हो जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एकेडमिक ब्लॉक का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने सेंटर रिसर्च लैब का निरीक्षण किया और वहां की सुविधाओं का जायजा भी लिया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि डॉक्टर व्यवहार सही रखें, भीड़ देखकर घबराएं नहीं। मरीज से हंसकर हाल पूछने से उसका 50 फीसद दर्द कम हो जाता है।
आठ हॉल में होगी लैब
डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक आठवें तल पर आठ हॉल बने हैं। इनमें चरण वार लैब की स्थापना की जाएगी। अभी बायोकैमिस्ट्री, पैथोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी की मशीनें स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा कुछ मशीनें एनॉटमी की होंगी।
यह लैब और बढ़ेंगी
सेंट्रल रिसर्च लैब में हाईलेवल टेस्टिंग लैब होंगी। इसमें मॉलीक्यूलर लैब, जीन सीक्वेंसिंग लैब, एनालिटिकल टॉक्सीकोलॉजी लैब, ड्रग लेवल टेस्टिंग लैब, साइटोजेनेटिक लैब, नैना टेक्नोलॉजी लैब, स्टेम सेल कल्चर लैब होंगी।