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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- आठ जिलों की तर्ज पर विकसित करेंगे 100 आकांक्षात्मक ब्लाक

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार व शासन के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नीति आयोग के मानकों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति व सुधार के विशेष प्रयास किये गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 12:33 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 12:35 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- आठ जिलों की तर्ज पर विकसित करेंगे 100 आकांक्षात्मक ब्लाक
सीएम योगी ने कहा कि नीति आयोग के मानकों के अनुसार सुधार के विशेष प्रयास किये गए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नीति आयोग के सहयोग व सामंजस्य से जिस तरह उत्तर प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक (पिछड़े) जिलों की कार्ययोजना बनाकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है, उसी तर्ज पर प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक ब्लाक को भी विकसित किया जाएगा। प्रदेश के 34 जिलों के 100 विकासखंडों को आकांक्षात्मक ब्लाक के तौर पर चिन्हित किया गया है। आकांक्षात्मक जिलों के लिए चयनित संकेतकों के आधार पर इन्हें भी विकसित करने की योजना है।

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शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार व शासन के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नीति आयोग के मानकों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति व सुधार के विशेष प्रयास किये गए हैं। औद्योगिक एवं अवस्थापना, शिक्षा, बालिका शिक्षा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, पोषण, कृषि, सिंचाई एवं जल संसाधन आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से उद्यमशीलता, रोजगार, नवाचार तथा मेक इन यूपी को बढ़ावा मिला है। ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ ईज आफ लिविंग के लक्ष्य भी प्राप्त किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अधिकारियों को हर तिमाही में नीति आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के विकास व प्रगति के सम्बन्ध में विभिन्न मंत्रालयों के स्तर पर बेहतर सामंजस्य स्थापित करने के निर्देश दिए।

नीति आयोग उपाध्यक्ष ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों की सराहना की। यह भी कहा कि पोषण के क्षेत्र में अभी काफी कुछ और करने की गुंजायश है। कोरोना काल के दौरान पिछले डेढ़ साल से सकूल बंद हैं। इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले तीन से छह साल के बच्चों के लिए प्री-प्राइमरी शिक्षा के साथ उनके पोषण पर खास फोकस किया जाए। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की उपस्थिति सुधारने पर भी जोर दिया। इससे पहले नीति आयोग उपाध्यक्ष ने वीवीआइपी गेस्ट हाउस में लोक निर्माण, पर्यावरण एवं वन तथा पर्यटन विभाग के आला अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने शिक्षाविदों, औद्योगिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठकें कीं।


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