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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में मक्का की फूड प्रोसेसिंग इकाइयां लगवाएं

पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मक्के की खेती के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन क्षेत्रों में मक्का आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 01:32 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:49 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में मक्का की फूड प्रोसेसिंग इकाइयां लगवाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में मक्का की फूड प्रोसेसिंग इकाइयां लगवाएं

लखनऊ, जेएनएन। पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मक्के की खेती के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन क्षेत्रों में मक्का आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया है। वहीं उन्होंने कुशीनगर में केले की चिप्स बनाने वाली इकाइयों की स्थापना के लिए प्रयास करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, पर्यटन तथा वस्त्र नीति में संशोधन संबंधी प्रस्तुतीकरण के दौरान उन्होंने यह निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी नीतियों के तहत उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करना पड़ेगा। स्थानीय आवश्यकता के अनुसार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए संबंधित नीतियों में जरूरी संशोधन किए जाएं। खाद्य प्रसंस्करण नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए फूड प्रोसेसिंग की प्रस्तावित इकाइयों को शीघ्र क्लियरेंस दी जाए ताकि यह इकाइयां जल्द स्थापित हो सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में दुग्ध समितियां स्थापित करनी होंगी। दूध की मांग हर जगह पर है। इसकी आपूॢत के लिए सप्लाई चेन बनानी होगी। पशुपालकों को अच्छी नस्ल के पशु उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उप्र दुग्ध नीति में आवश्यक संशोधन किया जाए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिन नीतियों में संशोधन की समीक्षा की, उनमें उप्र खाद्य प्रसंस्करण नीति-2017, उप्र दुग्ध नीति-2018, उप्र पर्यटन नीति-2018, यूपी हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क टेक्सटाइल एंड गारमेन्टिंग पॉलिसी-2017 तथा यूपी फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-2018 शामिल हैं। उन्होंने कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश में गतिशील और प्रतिस्पर्धात्मक पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार करने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश की औद्योगिक गतिविधियों को पुनर्जीवित किया जा सके।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल और संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद थे।


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