CM योगी ने कहा- पूर्व की सरकारों ने 40 साल तक गरीब व वंचित परिवारों के मासूमों की मौत पर ध्यान नहीं दिया
सीएम योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के साथ स्थितियों में बदलाव आना शुरू हुआ जबकि 2017 के बाद यूपी में प्रयास का असर दिखने लगा।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेई-एईएस 40 साल तक प्रदेश में मासूम बच्चों की जान लेता रहा, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि मरने वाले बच्चे गरीब और वंचित परिवारों के थे। पिछली सरकारों ने नहीं सोचा कि कई विभागों को साथ लाकर समन्वित प्रयासों से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि दो साल में ऐसे ही उपायों से जेई-एईएस पर 35 फीसद और इससे होने वाली मौतों पर 65 फीसद नियंत्रण कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरुआत करते हुए दो साल में मिली सफलता के लिए यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और पाथ संस्था सहित स्वास्थ्य व सभी सहयोगी विभागों को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के साथ स्थितियों में बदलाव आना शुरू हुआ, जबकि 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद सभी संबंधित विभागों को साथ लाकर शुरू किए गए प्रयास का असर दिखने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल पहले तक भी किसी जिला अस्पताल में जेई-एईएस का इलाज नहीं था। केवल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज था, जहां गर्मी में तपते बिना पंखे वाले इंसेफ्लाइटिस वार्ड में एक-एक बेड पर तीन-चार बच्चे भर्ती रहते थे। कहीं प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं होती थी, जबकि अब बीआरडी कॉलेज में बेहतर इंतजाम करने के साथ हर संवेदनशील जिले में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के क्षेत्रों में अलग-अलग संक्रामक रोगों का प्रभाव है, इसलिए अभियान केवल पूर्वांचल के 38 जिलों की बजाय प्रदेश के सभी 75 जिलों में चलाया जा रहा है।
सम्मानित हुए दस्तक योद्धा
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर व बस्ती मंडल के सात जिलों में संचालित इंसेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) के डॉक्टरों को टैबलेट वितरित किए और दस्तक योद्धाओं का भी सम्मान किया। इन योद्धाओं में शिक्षक, डॉक्टर, ग्राम प्रधान व आशा कार्यकर्ता सहित अन्य वर्गों के वे लोग शामिल थे, जिन्होंने लोगों को जागरूक करने या साफ-सफाई जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों को लेकर जागरूकता व फॉगिंग वाहनों को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।
एक से 31 जुलाई तक चलेगा अभियान
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में दस्तक व संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक जुलाई से शुरू हो गया। यह विशेष अभियान एक जुलाई से 31 जुलाई, 2019 तक संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए चलाया जाएगा। लखनऊ में सोमवार को लोक भवन में आयोजित संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत प्रचार वाहनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही 18 जिलों में दिमागी बुखार से लड़ने के लिए दस्तक अभियान भी शुरू हो गया है।
अभियान विभिन्न विभागों का संयुक्त प्रयास
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मिशन पंकज कुमार ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान विभिन्न विभागों का संयुक्त प्रयास है। इनमें ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग, नगरीय विकास विभाग, शिक्षा विभाग, समेकित बाल विकास परियोजना, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग और समाज कल्याण विभाग भागीदारी कर रहे हैं। दस्तक अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर 1-15 वर्ष के आयु के बच्चों के माता-पिता को बीमारी से बचाव उपचार की जानकारी देंगे।
पूर्व में दस्तक अभियान प्रदेश के गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के सात जिलों गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर और बस्ती में चलाया गया था। इस वर्ष यह अभियान पिछले जिलों के साथ लखनऊ एवं देवीपाटन मंडल के 10 जिलों लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर व बाराबंकी जनपद में चलाया जाएगा। संचारी रोग के निदेशक डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि अभियान में 1-31 जुलाई के बीच जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तर पर कई जन जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।