खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच के लिए CM योगी सख्त, कहा- हर मंडल में छह माह में बनाएं लैब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में छह माह में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच के लिए सरकार अब व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में छह माह में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पानी की शुद्धता पर गंभीर मुख्यमंत्री ने बोतल बंद और जार के पानी की शुद्धता जांचने और जागरूकता के लिए अभियान चलाने के लिए भी कहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रसाधन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर मंडल में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला छह महीने के अंदर तैयार करें, जिससे नमूनों की नियमित जांच और निगरानी हो सके। बोतल बंद पानी और जार को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह पानी कितना शुद्ध है, इसकी जांच कराने के लिए व्यापक अभियान चलाएं। लोगों को जागरूक किया जाए कि आखिरकार यह पानी कितने समय तक पीने लायक रहता है, इसकी शुद्धता क्या है। किसी को पानी के नाम पर जहर पिलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर आप शुद्ध पानी मुहैया करा देते हैं तो आधी बीमारियां ऐसे ही खत्म हो जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने औषधि नियंत्रकों के खाली पद जल्द भरने और लंबित वादों के त्वरित निस्तारण के लिए भी कहा। बैठक में विभागीय मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनीता भटनागर जैन और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
एक हफ्ते में लाइसेंस न मिले तो अफसर जवाबदेह
योगी ने थोक एवं फुटकर दवा लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में होने वाली देरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है, लेकिन फार्मासिस्ट के अलावा कुछ और चीजें हैं, जिसके नाते व्यापारी परेशान हो रहे हैं। इसको पूरी तरह से पारदर्शी बनाएं। आवेदन के हफ्ते भर बाद लाइसेंस मिल जाना चाहिए। अगर नहीं मिलता है तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित कराएं।
बनारस और लखनऊ में बनेंगे क्लीन स्ट्रीट फूड हब
मुख्यमंत्री ने बनारस और लखनऊ में क्लीन स्ट्रीट फूड हब विकसित करने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि आटा, दूध और नमक आदि में अलग से विटामिन मिलाने (फोर्टिफाइड) से पहले शोध के जरिए यह सुनिश्चित कर लें कि वाकई में किस क्षेत्र में किस विटामिन की कमी है। अनावश्यक रूप से कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त विटामिन न मिलाएं।